पिछले कुछ हफ्तों से भारत और अमेरिका के बीच टैरिफ को लेकर तनाव चल रहा है। इसी बीच भारत और चीन की नज़दीकियाँ भी बढ़ रही हैं। इससे क्या डोनाल्ड ट्रंप पर दबाव बनेगा और वह भारत से संबंध सुधारने की कोशिश करेंगे?
भारत (India) और अमेरिका (United States Of America) के बीच टैरिफ को लेकर पिछले कुछ हफ्तों से तनाव चल रहा है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के भारत पर 50% टैरिफ लगाने और लगातार रूस से तेल न खरीदने की धमकी देने की वजह से दोनों देशों के संबंधों में दरार पड़ गई है। हालांकि ट्रंप के 'टैरिफ वॉर' के आगे भारत भी झुका नहीं है और न ही रूस (Russia) से तेल खरीदना बंद किया है। पिछले कुछ दिनों से जो ट्रंप भारत से संबंधों को अहमियत नहीं दे रहे थे, लेकिन अब अचानक ही उनके सुर बदल गए हैं।
भारत से संबंधों के मामले पर ट्रंप के सुर बदल गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने तो भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) को अपना दोस्त भी बताया है। ट्रंप ने हाल ही में सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में यह भी कहा था कि उन्होंने चीन के हाथों भारत को खो दिया है। लेकिन जब इस बारे में उनसे सवाल पूछा गया, तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने जवाब दिया, "मैं और पीएम मोदी हमेशा दोस्त रहेंगे। वह एक महान प्रधानमंत्री हैं। वह महान हैं। वह इस समय जो कर रहे हैं (रूस से तेल की खरीदी), मुझे बस वो पसंद नहीं है। भारत और अमेरिका के बीच एक खास रिश्ता है। इसमें चिंता की कोई बात नहीं है। मेरी, पीएम मोदी के साथ बहुत अच्छी बनती है। वह कुछ महीने पहले यहाँ आए थे और हम रोज़ गार्डन गए थे।”
कई एक्सपर्ट्स का मानना है कि एससीओ शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी और चीन (China) के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के साथ आना, भारत-चीन की बढ़ती नज़दीकियों को दर्शाता है। अमेरिका के लिए चीन लंबे समय से प्रतिद्वंद्वी रहा है और दुनियाभर के एक्सपर्ट्स मानते हैं कि चीन से निपटने के लिए अमेरिका को भारत की ज़रूरत है। पिछले कुछ हफ्तों में जहाँ ट्रंप की वजह से भारत और अमेरिका के संबंधों में तनाव बढ़ा है, तो इस वजह से भारत और चीन के संबंधों में सुधार देखने को मिला है। टैरिफ मामले पर भी चीन ने अमेरिका का विरोध और भारत का समर्थन किया है। ऐसे में अब ये कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत-चीन की नज़दीकियों से अमेरिका पर दबाव बन रहा है।
ट्रंप को उम्मीद थी कि टैरिफ के दबाव के आगे भारत झुक जाएगा, लेकिन हुआ इसके विपरीत। भारत झुका भी नहीं और चीन के नज़दीक भी आ गया। भारत और चीन की नज़दीकियों को देखते हुए जहाँ ट्रंप ने पीएम मोदी को अपना दोस्त बताते हुए भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को खास बताया है, तो पीएम मोदी ने भी ट्रंप के बयान की सराहना करते हुए भारत और अमेरिका के बीच साझेदारी को बेहद ही सकारात्मक, दूरदर्शी, व्यापक और वैश्विक रणनीतिक बताया है। ऐसे में इस बात की संभावना भी जताई जा रही है ट्रंप अब आने वाले समय में भारत और अमेरिका के बीच संबंध सुधारने की कोशिश कर सकते हैं।