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भारत-जापान साथ मिल कर ढूंढेंगे एलियन, जायंट टेलीस्कोप का करेंगे इस्तेमाल

Thirty Meter Telescope: भारत और जापान मिल कर दुनिया की सबसे बड़ी 30 मीटर दूरबीन (TMT) बना रहे हैं।

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Nov 25, 2025
दुनिया की सबसे बड़ी और ताकतवर ऑप्टिकल दूरबीन। ( फोटो: एआई प्रतीकात्मक फोटो.)

Thirty Meter Telescope: भारत और जापान मिल कर दुनिया की सबसे बड़ी और ताकतवर ऑप्टिकल दूरबीन (Thirty Meter Telescope) बना रहे हैं। इसका 30 मीटर चौड़ा दर्पण ब्रह्मांड के सबसे गहरे कोनों में झांकने की ताकत रखता है। यह दूरबीन ब्लैक होल, दूर की आकाशगंगाओं के साथ-साथ सबसे बड़ा सवाल भी सुलझा सकती है – क्या पृथ्वी के अलावा कहीं और भी जीवन है ? इस विशाल दूरबीन में 492 छोटे-छोटे षट्कोणीय ( Hexagonal ) दर्पण लगे होंगे, जो मिल कर एक 30 मीटर का मुख्य दर्पण बनाएंगे। इन सभी दर्पणों (TMT India Japan) को नैनो-मीटर स्तर पर बिल्कुल सटीक रखने की जिम्मेदारी भारत की है। भारतीय वैज्ञानिक और इंजीनियर ऑप्टो-मैकेनिकल सिस्टम, एक्ट्यूएटर्स और कंट्रोल सिस्टम बना रहे हैं। बेंगलुरु का भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA), पुणे का इंटर-यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर एस्ट्रोनॉमी एंड एस्ट्रोफिजिक्स (IUCAA) और नैनीताल का आर्य भट्ट अनुसंधान संस्थान (ARIES) इस प्रोजेक्ट में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।

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कहाँ बनेगी यह सुपर दूरबीन ?

इस काम के लिए मुख्य स्थान हवाई का मौना कीआ पर्वत चुना गया है, जो दुनिया के सबसे साफ आसमान वाला इलाका है। लेकिन वहाँ के मूल निवासियों के विरोध के कारण वैकल्पिक जगह के रूप में लद्दाख का हानले भी चर्चा में है।

आखिर यह कब तक तैयार होगी ?

सन् 2030 के मध्य तक TMT पूरी तरह चालू हो जाएगी। जापान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. साकू त्सुनेता ने कहा, “भारत की तकनीक की वजह से प्रोजेक्ट बहुत अच्छी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।”

सबसे रोमांचक मिशन – एलियन लाइफ की तलाश

यह दूरबीन दूसरे तारों के ग्रहों (एक्सोप्लेनेट्स) के वायुमंडल को पढ़ेगी। अगर वहाँ ऑक्सीजन, मीथेन, पानी के अणु या जैविक अणु मिले, तो यह जीवन के संकेत हो सकते हैं। डॉ. त्सुनेता ने हँसते हुए कहा, “अगर जीवन मिला तो नोबेल पुरस्कार युवा वैज्ञानिकों को मिलना चाहिए, मैं तो बूढ़ा हो गया!”

भारत-जापान की पुरानी दोस्ती

ये दोनों देश पहले से ही चाँद पर पानी ढूंढने के लिए LUPEX मिशन पर साथ काम कर रहे हैं। अब TMT के साथ वे तारों के बीच जीवन की खोज कर रहे हैं। यह परियोजना सिर्फ एक दूरबीन नहीं, बल्कि मानवता की सबसे पुरानी जिज्ञासा का जवाब है, यानि – हम ब्रह्मांड में अकेले हैं या नहीं? भारत और जापान मिलकर इस सपने को सच करने की राह पर हैं।

भारत अब एडवांस्ड एस्ट्रोनॉमी टेक्नोलॉजी में भी लीड ले रहा है

यह खबर पढ़कर रोमांच और गर्व एक साथ होता है! भारत अब सिर्फ सॉफ्टवेयर या मिसाइल ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे एडवांस्ड खगोलीय तकनीक में भी नेतृत्व कर रहा है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि मौना कीआ का विवाद सुलझता है या लद्दाख के हानले में TMT लगती है। अगर यह हानले में लगी, तो यह भारत के लिए ऐतिहासिक मौका होगा।

घर बैठे लाइव ब्रह्मांड देख सकेंगे

वैसे TMT से मिलने वाली तस्वीरें और डेटा इतना साफ होगा कि आम लोग भी घर बैठे लाइव ब्रह्मांड देख सकेंगे। NASA और ESA भी इसके डेटा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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