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“दुश्मनों के आगे हम नहीं झुकेंगे”, ईरानी राष्ट्रपति पेज़ेशकियान ने खाई कसम

संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वें सत्र में अपने संबोधन के दौरान ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान ने कसम खाई कि उनका देश, दुश्मनों के आगे झुकेगा नहीं।

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Sep 25, 2025
मसूद पेज़ेशकियान (फोटो - यूनाइटेड नेशन्स)

अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में इस समय संयुक्त राष्ट्र महासभा के 80वां सत्र चल रहा है। बुधवार को इसमें ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेज़ेशकियान भी शामिल हुए और संबोधन दिया। इस दौरान ईरानी राष्ट्रपति ने कसम खाई कि उनका देश कभी भी दुश्मनों/आक्रमणकारियों के आगे नहीं झुकेगा। दुश्मनों/आक्रमणकारियों से पेज़ेशकियान का इशारा इज़रायल और अमेरिका की तरफ था।

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इज़रायल और अमेरिका ने की शांति भंग

संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए ईरानी राष्ट्रपति ने इज़रायल और अमेरिका के हमलों का भी ज़िक्र किया। गौरतलब है कि जून में ईरान और इज़रायल में 12 दिन तक युद्ध चला था और इस दौरान अमेरिका ने भी ईरानी परमाणु ठिकानों पर बमबारी की थी। पेज़ेशकियान ने कहा कि इज़रायल और अमेरिका ने ईरान की शांति को भंग किया। उन्होंने कहा, "ईरान और अमेरिका ने ईरान के शहरों, घरों और बुनियादी ढांचों पर ठीक उसी समय हवाई हमले किए, जब हम कूटनीतिक वार्ता के रास्ते पर चल रहे थे। यह कदम एक गंभीर विश्वासघात है और स्थिरता एवं शांति के प्रयासों को नाकाम करने वाला है।"

इज़रायल और अमेरिका की निंदा

ईरानी राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में इज़रायल और अमेरिका की जमकर निंदा की। उन्होंने इन दोनों देशों के हमलों को अंतर्राष्ट्रीय मानकों के खिलाफ बताते हुए कहा, "इज़रायल और अमेरिका के इस बेशर्म कृत्य ने मेरे देश के कई कमांडरों, नागरिकों, बच्चों, महिलाओं, वैज्ञानिकों और बौद्धिक अभिजात वर्ग को खत्म कर दिया। इन हमलों ने अंतर्राष्ट्रीय विश्वास और मिडिल ईस्ट में शांति की उम्मीदों को गहरा झटका दिया है। क्या हमें अंतर्राष्ट्रीय मानदंडों के ऐसे खतरनाक उल्लंघन को यूं ही जाने देना चाहिए? क्या हमें उनका सामना नहीं करना चाहिए?"

परमाणु प्रोग्राम का भी किया ज़िक्र

पेज़ेशकियान ने ईरान के परमाणु प्रोग्राम का भी ज़िक्र किया। ईरानी राष्ट्रपति ने कहा कि उनके देश की परमाणु हथियार बनाने की कोई मंशा नहीं है। ईरानी राष्ट्रपति ने साफ किया कि ईरान सिर्फ परमाणु ऊर्जा विकसित करना चाहता है जिसका अपने देशवासियों की भलाई के लिए इस्तेमाल किया जा सके। गौरतलब है कि अमेरिका, इज़रायल और कई यूरोपीय देश, ईरान के परमाणु प्रोग्राम के खिलाफ हैं।

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