Keir Starmer : ब्रिटेन में हाल में ही में हुए संसदीय चुनावों में डेढ़ दशक से भी ज्यादा समय के बाद लेबर पार्टी की सत्ता में वापसी हुई है।
Keir Starmer: लेबर पार्टी के नेता कीर स्टार्मर ने प्रधानमंत्री के तौर पर कमान संभाली है। यूरोपीय यूनियन से अलग होने वाले ब्रिटेन के सामने कई चुनौतियां हैं। वहीं कन्जर्वेटिव सरकार की ओर से लाई गई कुछ नीतियों में बदलाव करना भी लेबर पार्टी की नई सरकार के एजेंडे में शामिल है।
प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने के लिए यह सब इतना आसान नहीं है। इसकी एक झलक 2 चाइल्ड बेनिफिट कैप पॉलिसी में संशोधन के दौरान नजर आई। सरकारी खर्च को कम करने की नीयत के साथ कन्जर्वेटिव सरकार ने यह नीति लाई थी।
इसके तहत 2 बच्चों के बाद सरकार की ओर से मिलने वाली आर्थिक मदद पर पाबंदी लगा दी गई थी। कीर स्टार्मर (Keir Starmer) की सरकार ने इस नीति में संशोधन करने का फैसला किया, लेकिन लेबर पार्टी के 7 सांसदों ने इसका विरोध किया। पीएम स्टार्मर ने सख्त कदम उठाते हुए पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने के मामले में पार्टी के सभी 7 सांसदों को सस्पेंड कर दिया।
दरअसल, पीएम कीर स्टार्मर ने 2 चाइल्ड बेनिफिट कैप नीति में संशोधन करने की तैयारी में है। स्टार्मर सरकार के इस कदम का लेबर पार्टी के सांसदों ने ही विरोध किया है। संशोधन विधेयक के खिलाफ 7 सांसदों ने विरोध के सुर बुलंद किए। इस पर खुद पीएम स्टार्मर और पार्टी हाईकमान एक्शन में आ गया।
ब्रिटेन की लेबर सरकार की ओर से 2 चाइल्ड बेनिफिट कैप नीति के लिए पार्टी की ओर से व्हिप जारी किया गया था, लेकिन 7 सांसदों ने इसका विरोध किया। ऐसे में लेबर पार्टी ने इन सभी सांसदों को निलंबित कर दिया। इन सभी पर पार्टी व्हिप का उल्लंघन करने पर कार्रवाई की गई है।
इन 6 महीनों के लिए सस्पेंड होने वाले सांसदों में पूर्व शैडो चांसलर जॉन मैकडॉनल भी शामिल हैं। उनके अलावा रिचर्ड बरगॉन, इयान बायर्न, रेबेका लॉन्ग बेली, इमरान हुसैन, अफसाना बेगम और जारा सुल्ताना को भी निलंबित कर दिया गया है। लेबर पार्टी की ओर से जिन 7 सांसदों को सस्पेंड किया गया है, वे सभी अब संसद में निर्दलीय एमपी के तौर पर मौजूद रहेंगे। इन सभी सांसदों ने संशोधन के खिलाफ वोट किया था और उधर 2 चाइल्ड बेनिफिट कैप नीति में संशोधन का प्रस्ताव संसद में गिर गया।
कन्जर्वेटिव सरकार सन 2017 में 2 चाइल्ड बेनिफिट कैप की नीति लाई थी। इसका उद्देश्य सरकारी खर्च में कटौती करना था। इस नीति के तहत सरकार की ओर से मिलने वाली सुविधाओं को 2 बच्चों तक सीमित कर दिया गया था। यह नीति के अमल में आने के बाद जिस ब्रिटिश दंपति को 2 से ज्यादा बच्चे होते हैं, उन्हें सालाना 3,200 पाउंड (3,45,728 रुपये) की आर्थिक मदद नहीं दी जाती है।
कई विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार की इस नीति के चलते बड़ी तादाद में बच्चे गरीबी का दंश झेलने के लिए मजबूर हो गए हैं। अब लेबर सरकार इस पॉलिसी में सशोधन करना चाहती है।