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Sunita Williams दो महीने से ज्यादा समय से अंतरिक्ष में अटकीं, क्या-क्या आ रही हैं उनको परेशानियां ? जानिए

Sunita williams: भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स स्पेस में फंसी हुई हैं। सुनीता 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट में सवार होकर इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) के लिए रवाना हुई थीं।

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Aug 18, 2024
Sunita Williams

Sunita Williams: अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर गए अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर (Barry Butch Wilmore)दो महीने से अधिक समय से अंतरिक्ष में रहने पर उनकी वापसी तकनीकी खराबी के कारण अधर में लटक गई है। स्पेस में एस्‍ट्रोनॉट्स को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। वो खतरनाक बीमारियों की चपेट में भी आ सकते हैं।

वापसी में दिक्कत

आइए जानते हैं कि इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में फंसी सुनीता और उनके सहयात्री विल्मोर की हेल्थ पर क्या असर पड़ सकता है। सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) कुछ ही दिनों में अपने मिशन से वापस लौटना था, लेकिन स्टारलाइनर में तकनीकी खराबी के कारण अब उनकी वापसी में दिक्कत हो रही है।

कुछ और दिन रुकना होगा

नासा के अनुसार 25 मई को लॉन्च किए गए अंतरिक्ष यान में हीलियम का एक छोटा रिसाव हुआ, जिससे उसकी यात्रा में देरी हुई। स्टारलाइनर 6 जून को ISS पर पहुंच गया था, लेकिन स्पेसक्राफ्ट में आई खराबी आने के कारण इसमें सवार अंतरिक्ष यात्रियों सुनीता विलियम्स और बैरी बुच विल्मोर को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर अभी कुछ और दिन रुकना होगा। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) में फंसे 60 दिनों से अधिक का समय हो चुका है। इस मिशन के तहत दोनों को 8 दिनों के लिए आईएसएस में रहना था।

अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी

इसी के साथ सुनीता और उनके सहयात्री बुश विलमोर के सामने खुद को हैल्दी रखना भी चुनौती है। उन्हें कई बड़ी दिक्कतें झेलनी पड़ सकती हैं। उन्हें ले जाने वाला बोइंग स्टारलाइनर मिशन में दिक्कत पैदा होने की वजह से इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों की वापसी के फैसले को नासा से दोबारा टाल दिया है।

मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार

नासा के प्रमुख अंतरिक्ष यात्री जो एकाबा के अनुसार सुनीता विलियम्स और बेरी 'बुच' विल्मोर जैसे अंतरिक्ष यात्री, 'मिशन के विभिन्न पहलुओं और इससे पैदा होने वाली संभावित परिस्थितियां के बारे में अच्छी तरह जानते थे।' उन्होंने कहा कि 'अंतरिक्ष यात्रियों को ये सुनिश्चित करने के लिए ऐसी ट्रेनिंग दी गई थी कि किसी भी मिशन में आने वाली चुनौतियों के लिए वे मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार रहें।'

जोखिम भरे मिशन

एकाबा ने कहा, "यह मिशन एक टेस्ट फ़्लाइट था…वे जानते थे कि यह मिशन परफ़ेक्ट नहीं है।" उनके अनुसार, "मानव युक्त अंतरिक्ष यान अपने आप में जोख़िम भरा होता है और एक अंतरिक्ष यात्री के रूप में यह हमारे काम का हिस्सा होता है।" नासा ने ये भी कहा कि दोनों अंतरिक्ष यात्री वहां "अच्छी तरह से रह रहे हैं" और वे अंतरिक्ष में "जोखिम भरे मिशन" में जाने के लिए तैयार थे।

आठ महीने की यात्रा

अंतरिक्ष एजेंसी के अधिकारियों ने यह भी कहा कि अंतरिक्ष यात्रियों का स्पेससूट किसी ऐसे वैकल्पिक अंतरिक्ष यान के लिए उपयुक्त नहीं है जिसे स्टारलाइनर के असुरक्षित होने की स्थिति में इस्तेमाल किया जाए।

हीलियम भी ख़त्म हो गया

बीते पांच जून को विलियम्स और विल्मोर ने अंतरारष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए स्टारलाइनर ने उड़ान भरी थी और आठ दिन के बाद उन्हें वापस धरती पर लौटना था,लेकिन स्टारलाइनर अंतरिक्षयान जब आईएसएस के क़रीब पहुंचा तो उसमें समस्याएं पैदा हो गईं और इसके पांच थ्रस्टर्स बंद हो गए, जो यान को दिशा देते हैं, इसमें हीलियम भी ख़त्म हो गया, जिससे जलने वाले ईंधन पर यान को निर्भर होना पड़ा।

तकनीकी दिक्कत दूर होने तक रुकना होगा

इन समस्याओं के आने का मतलब है कि विलियम्स और विल्मोर को आईएसएस पर तब तक रुकना पड़ेगा जब तक इंजीनियर इसकी तकनीकी दिक्कतों को हल नहीं कर लेते। उनकी वापसी का एक विकल्प यह भी है कि इस साल के अंतिम तिमाही में वहां जाने वाले स्पेसएक्स अंतरिक्ष यान का इस्तेमाल किया जाए।

दोनों यात्रियों का नियमित हैल्थ चेकअप

अगर ऐसा होता है तो वे 2025 की शुरुआत में ही वापस लौट पाएंगे और इस तरह आठ दिन का यह मिशन आठ महीने में बदल जाएगा,लेकिन अधिक समय तक अंतरिक्ष में रहने का इंसानी शरीर पर विपरीत असर भी पड़ सकता है और इसलिए दोनों अंतरिक्ष यात्रियों का नियमित हैल्थ चेकअप किया जा रहा है।

संशोधन के लिए जिम्मेदार

गौरतलब है कि नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन या जिसे संक्षेप में नासा कहते हैं, संयुक्त राज्य अमेरिका की सरकार की शाखा है जो देश के सार्वजनिक अंतरिक्ष कार्यक्रमों व एरोनॉटिक्स व एरोस्पेस संशोधन के लिए जिम्मेदार है।

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