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दक्षिण अफ्रीका बस दुर्घटना में 43 की मौत, जांच में खुलासा,इस कंपनी पर केस!

Limpopo Bus Crash 2025: लिम्पोपो बस हादसे में 43 मौतें हो गईं। खराब ब्रेक और तेज स्पीड मुख्य कारण रहे। कंपनी पर हेल्पलेस होमिसाइड केस दर्ज किया गया है।

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Oct 18, 2025
दक्षिण अफ्रीका बस दुर्घटना की जांच करती टीम।( फोटो: IANS.)

Limpopo Bus Crash 2025: दक्षिण अफ्रीका के लिम्पोपो प्रांत में हुए एक बस हादसे (Limpopo Bus Crash 2025) ने सबको हैरत में डाल दिया। गत 12 अक्टूबर को N1 हाईवे पर बस खाई में गिर गई, जिसमें 43 लोग मारे गए (South Africa Bus Accident 43 Dead)। इनमें 7 बच्चे शामिल हैं, जो 3-5 साल के थे। 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल पहुंचाया गया। रिपोर्ट के अनुसार बस पूर्वी केप से आ रही थी, जिम्बाब्वे, मलावी और कांगो के यात्री सवार थे। परिवहन मंत्री बारबरा क्रीसी ने जांच रिपोर्ट जारी की। बस जर्जर हालत में थी, सड़क पर चलने लायक नहीं। रोड ट्रैफिक मैनेजमेंट कॉर्पोरेशन (RTMC) ने कहा, ड्राइवर ने पहाड़ी दर्रे पर तेज रफ्तार से बस चलाई। 62 सीटों वाली बस में 91 यात्री भरे थे, 23 अतिरिक्त। ट्रेलर सामान से लदा, ब्रेक आधे खराब।

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बस कंपनी पर केस: गैर-इरादतन हत्या की जांच

DNC कोच कंपनी पर गैर-इरादतन हत्या का केस चलेगा। जो सड़क योग्य प्रमाणपत्र दिया, उसकी भी जांच। RTMC ने बॉर्डर पर सभी बसों की इंस्पेक्शन का आदेश दिया। क्रीसी ने कहा, "लापरवाही से इतनी जिंदगियां गईं, सजा मिलेगी।" फाइनल रिपोर्ट 21 हफ्तों में।

घटना का विवरण: पहाड़ी पर बस खाई में

रविवार शाम बस जौत्पांसबर्ग पहाड़ी दर्रे पर फिसली। खड़ी चढ़ाई पर स्पीड बढ़ी, ब्रेक फेल। बस खाई में लुढ़की, मलबा बिखरा। साइनबोर्ड थे, लेकिन अनदेखे। सर्च जारी, कोई और सर्वाइवर नहीं। जिम्बाब्वे ने शवों की वापसी का ऐलान किया।

दक्षिण अफ्रीका की सड़क समस्या: सालाना 14,000 मौतें

दक्षिण अफ्रीका में सड़क हादसे राष्ट्रीय संकट। ऑटोमोबाइल एसोसिएशन के अनुसार, सालाना 14,000 मौतें – विश्व औसत से ज्यादा। 2023-24 त्योहार सीजन में 1,427 मौतें। ओवरलोडिंग, खराब वाहन, तेज स्पीड मुख्य कारण। सरकार सख्त रूल्स ला रही।

परिवारों का दर्द: पहचान और मुआवजा

प्रदेश सरकार ने शवों की पहचान शुरू की। परिवार रोते, जानकारी के लिए इंतजार। 38 सर्वाइवर अस्पताल में। प्रीमियर फोफी रमाथुबा ने संवेदना जताई। "यह दर्दनाक, लेकिन हम साथ हैं।" विदेशी सरकारों ने सहायता मांगी।

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