Netherlands: लहराती बल खाती युवतियों और महिलाओं ने खूबसूरत और रंगबिरंगी साड़ियां पहन कर रंग जमाया। प्रख्यात प्रवासी भारतीय लेखिका डॉ.ऋतु शर्मा ननंन पांडे ( Ritu Sharma Nanan Pandey) ने सीधे नीदरलैंड से बताया कि नीदरलैंड के सानदाम शहर में “भारतीयता की पहचान और हर नारी की शान के लिए आयोजित “साड़ी वॉक” ने सभी […]
Netherlands: लहराती बल खाती युवतियों और महिलाओं ने खूबसूरत और रंगबिरंगी साड़ियां पहन कर रंग जमाया। प्रख्यात प्रवासी भारतीय लेखिका डॉ.ऋतु शर्मा ननंन पांडे ( Ritu Sharma Nanan Pandey) ने सीधे नीदरलैंड से बताया कि नीदरलैंड के सानदाम शहर में “भारतीयता की पहचान और हर नारी की शान के लिए आयोजित “साड़ी वॉक” ने सभी का मन मोह लिया। यह आयोजन “इंडियन लाइट फाउंडेशन की ओर से किया गया, जिसमें डॉ.ऋतु शर्मा ननंन पांडे की संस्था अंतरराष्ट्रीय हिंदी संगठन से अश्विनी केंगावकर व अन्य साथियों ने भी उत्साह से सहभागिता निभाई।
उन्होंने बताया कि अनिता शिवाय हनुमान का जन्म सूरीनाम में प्रवासी भारतीय परिवार में हुआ है। उन्होंने भारत के पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं की मदद करने के लिए “इंडियन लाइट फाउंडेशन “संस्था का 21 वर्षों पूर्व गठन किया था। वह सूरीनाम, नीदरलैंड व भारत में वर्ष भर में कई आयोजन करती हैं और इन आयोजनों से अर्जित होने जाने धन किया प्रयोग व भारत में पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं की सेनेटरी सुविधा, सिलाई मशीन और गृह उद्योग आदि की मदद करती हैं।
डॉ.ऋतु शर्मा ननंन पांडे ने बताया कि नीदरलैंड में आयोजित “साड़ी वॉक में महिलाओं के अतिरिक्त पुरुषों की भी बराबर की सहभागिता रही। इस कार्यक्रम के आयोजन का एक उद्देश्य भारतीय (सूरीनाम-भारत) व परिधान साड़ी जो हमारी संस्कृति का प्रतीक है, उसकी महत्ता नीदरलैंड के निवासियों को बताना भी था। इस कार्यक्रम में एम्सटर्डम की अध्यक्ष और नीदरलैंड के टेलीविजन कार्यक्रम के कलाकारों ने भी बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया।
उन्होंने बताया कि पांच किलोमीटर का यह साड़ी वॉक नीदरलैंड के सानदाम शहर में आयोजित किया गया। सानदाम पूर्वी नीदरलैंड का ऐतिहासिक शहर है। यहां 21 अक्टूबर 1811 में नेपोलियम बोनापार्ट ने इस शहर को सानदाम का नाम दिया। इस शहर में सोलहवीं शताब्दी की अपने विशेष आर्किटेक्चर वाली पुरानी मज़बूत इमारतें व सतरहवीं शताब्दी के पुराने स्थापत्य कला के नमूने देखने को मिल जाएंगे ।
डॉ.ऋतु शर्मा ननंन पांडे ने बताया कि यहाँ कई म्यूज़ियम भी हैं जिनमें होनिगं ब्री हाउस, नीदरलैंड यूर वर्क हाउस, लकड़ी के जूतों का कलोमपन हाउस व चीज़ फ़ैक्ट्री आदि शामिल है। यह पवन चक्कियों का शहर है। यहां सौ से अधिक प्राचीन पवन चक्कियां नजर आती है? जो पुरानी स्कंदनाफ़िया लकड़ी से बनी है । समुद्र के किनारे बसे होने के कारण यहां पर “ हारिंग मछली भी प्रसिद्ध है , लेकिन साड़ी वॉक के बाद भारतीय साड़ी भी यहां की पहचान बन गई है।
प्रवासी भारतीय नीदरलैंड में रह कर हिंदुस्तान का नाम रोशन करने वाली नई दिल्ली से ताल्लुक रखने वाली मशहूर भारतवंशी साहित्यकार हैं डॉ. ऋतु शर्मा नंनन पांडे। उनका 9 फ़रवरी को नई दिल्ली में जन्म हुआ। दिल्ली विश्वविद्यालय से एम.ए. हिन्दी करने के बाद कोटा विश्वविद्यालय से एम.ए व “जनसंचार व पत्रकारिता” में पी.एच.डी की और शिक्षा के साथ ही “भारतीय अनुवाद परिषद्” बंगाली मार्केट से अनुवाद का स्नातकोत्तर डिप्लोमा किया। वे सन 2004 से नीदरलैंड में रह रही हैं।