विदेश

तसलीमा ने खोली पाकिस्तान की पोल: POJK में क्रूर कब्जा छिपाता है झूठा शांति समझौता

POJK Peace Deception: पाकिस्तान का पीओजेके में शांति समझौता दमन को छिपाने का प्रयास है, तस्लीमा अख्तर ने इसे बेनकाब किया। स्थानीय लोग मानवाधिकारों के लिए संघर्षरत हैं।

2 min read
Oct 07, 2025
पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुआ प्रदर्शन। (X Handle Rosie Wallis.)

POJK Peace Deception: पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (POJK) में हाल ही में हुए प्रदर्शनों के बीच पाकिस्तान सरकार ने एक शांति समझौते (POJK Peace Deception) का ऐलान किया है। लेकिन यह समझौता महज एक दिखावा लगता है। मानवाधिकार कार्यकर्ता तसलीमा अख्तर (Tasleema Akhtar) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसे खारिज करते हुए कहा कि यह कदम पाकिस्तान की हताशा दर्शाता है। उनका मानना है कि यह वैश्विक दुनिया को गुमराह करने और दशकों से चले आ रहे अत्याचारों को छिपाने का प्रयास है। पीओजेके और गिलगित-बाल्टिस्तान (POGB) के लोग वर्षों से पाकिस्तान के गैर कानूनी कब्जे का शिकार हो रहे हैं।

ये भी पढ़ें

पाकिस्तान: जाफ़र एक्सप्रेस पर धमाकेदार हमला, चार बोगियां पटरी से उतरीं, सात यात्री ज़ख़्मी

राजनीतिक रूप से हाशिये पर धकेल दिया

तसलीमा अख्तर ने अपनी पोस्ट में बताया कि इन इलाकों के निवासी राजनीतिक रूप से हाशिये पर धकेल दिए गए हैं। उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है और बुनियादी मानवाधिकारों से भी वंचित हैं। पाकिस्तानी सेना पर नागरिकों के खिलाफ हिंसा, धमकियां और यातनाओं के आरोप लगे हैं। शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने वालों को परेशान किया जाता है और बिना वजह बल प्रयोग होता है। अख्तर ने कहा कि ये घटनाएं पाकिस्तान के झूठे चेहरे को उजागर करती हैं, जो लोकतंत्र और मानवीय मूल्यों की बातें तो करता है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है।

पाकिस्तान की पकड़ मजबूत करने का हथकंडा

इस्लामाबाद की ओर से शांति और विकास के बड़े-बड़े दावे किए जाते रहते हैं, लेकिन वास्तविकता बिल्कुल उलट है। इन क्षेत्रों के अमीर प्राकृतिक संसाधनों का फायदा पाकिस्तान उठा रहा है, जबकि स्थानीय लोग गरीबी की चपेट में हैं। तस्लीमा अख्तर के अनुसार, यह तथाकथित शांति समझौता लोगों की असली समस्याओं का हल नहीं है। बल्कि यह झूठे वादों और प्रचार के जरिए पाकिस्तान की पकड़ मजबूत करने का हथकंडा है। प्रदर्शनकारियों ने सितंबर के अंत से हड़ताल की थी, जिसमें 12 लोगों की मौत और सैकड़ों घायल हुए। समझौते में मुआवजा, सुधार और बुनियादी ढांचे के वादे हैं, लेकिन विशेषज्ञ इन्हें समय बर्बाद करने वाला कदम मानते हैं।

पाकिस्तान को उसके अपराधों के लिए सजा दें

पीओजेके और पीओजीबी में लोगों का गुस्सा पाकिस्तान की अपनी गलतियों से उपजा है। भ्रष्टाचार, अन्याय और सैन्य दबंगई ने इन्हें मजबूर किया है। अख्तर ने जोर देकर कहा कि ये दोनों क्षेत्र भारत का हिस्सा हैं, जिन पर पाकिस्तान ने सैन्य हमले से कब्जा किया है। संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों से अपील की गई है कि पाकिस्तान को उसके अपराधों के लिए सजा दें। स्थानीय लोग सच्ची आजादी और सम्मान चाहते हैं, न कि नकली समझौते।

पीओजेके पर पाकिस्तान का कब्जा गैर कानूनी : भारत

उधर भारत ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पीओजेके पर पाकिस्तान का कब्जा गैर कानूनी है। यह समझौता हिंसा रोकने का दावा करता है, लेकिन दमन की जड़ें गहरी हैं। जैसे-जैसे दुनिया का ध्यान इस ओर बढ़ रहा है, पाकिस्तान के झूठे दावे कमजोर पड़ रहे हैं। तस्लीमा अख्तर जैसी आवाजें सच्चाई को सामने ला रही हैं। यह समय है कि वैश्विक समुदाय कार्रवाई करे और पीओजेके के लोगों को न्याय दे। (एएनआई)

Also Read
View All

अगली खबर