विदेशों में भारतीयों के खिलाफ नस्लवाद बढ़ रहा है। हाल ही में ऑस्ट्रेलिया और यूके में इस तरह के मामले देखने को मिले।
नस्लवाद (Racism) लंबे समय से चला आ रहा है और यह दुनियाभर में ही एक बड़ी परेशानी है। नस्लवाद लगभग हर जगह मिलता है। कहीं ज़्यादा तो कम। पश्चिमी देशों में नस्लवाद ज़्यादा देखा जाता है और यह पिछले कुछ समय से नहीं, बल्कि काफी समय से चली आ रही समस्या है। हालांकि पिछले कुछ समय में विदेशों में नस्लवाद के मामले बढ़े हैं और इनमें भारतीयों के खिलाफ भी नफरत भरे मामले देखने को मिले हैं।
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ऑस्ट्रेलिया के मैरीबर्नान्ग शहर के मेयर प्रदीप तिवारी, जो विक्टोरिया राज्य के पहले भारतीय मूल के मेयर हैं, ने हाल ही में खतरनाक ड्राइविंग के आरोपों के कारण अस्थायी रूप से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। खतरनाक ड्राइविंग की यह घटना जून 2023 में फ्लेमिंग्टन में हुई थी, जो उनके काउंसिल में चुने जाने से पहले की है। तिवारी पर खतरनाक ड्राइविंग, ड्राइविंग के दौरान मोबाइल का इस्तेमाल जैसे आरोप लगे हैं। इस मामले की अगली सुनवाई अक्टूबर में होगी। तिवारी ने इस बारे में सोशल मीडिया पर बताया कि इस मामले को जल्द से जल्द हल करने के लिए वह वकीलों के साथ काम कर रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि खतरनाक ड्राइविंग को लेकर उन्हें सोशल मीडिया पर न सिर्फ अपने खिलाफ बल्कि भारतीय समुदाय के खिलाफ भी नस्लीय टिप्पणियों का सामना करना पड़ रहा है।
कुछ दिन पहले इंग्लैंड के वॉल्वरहैम्प्टन रेलवे स्टेशन के बाहर दो बुज़ुर्ग सिख कैब ड्राइवरों सतनाम सिंह और जसबीर संगा के साथ तीन लोगों ने गाली-गलौज की, नस्लीय टिप्पणियाँ की और उनके साथ मारपीट भी की। इन हमलावरों ने ज़बरदस्ती दोनों की पगड़ी भी उतार दी। इस वजह से दोनों को चोट भी आई है। आसपास खड़े कुछ लोगों ने दोनों को बचाया। पुलिस ने इन हमलावरों को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन बाद में जमानत पर छोड़ दिया।