Bangladesh: बांग्लादेश की सरकार को रूस से लेकर ब्रिटेन ने बड़े झटके दिए हैं। इसमें अब मामला रूपपुर परमाणु प्रोजेक्ट का सामने आया है।
Bangladesh: रूस की व्लादिमिर पुतिन सरकार ने बांग्लादेश में रूपपुर परमाणु ऊर्जा परियोजना से जुड़े कथित भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर मोहम्मद यूनुस (Mohammad Yunus) की आलोचना की है। रूस की परमाणु ऊर्जा एजेंसी रोसाटॉम ने एक अहम बयान में कहा कि बांग्लादेश भ्रष्टाचार निरोधक आयोग द्वारा रूपपुर परमाणु ऊर्जा परियोजना (Rooppur Atomic Power Project) को लेकर 5 अरब डॉलर भ्रष्टाचार के आरोप इस परियोजना को कलंकित करने का प्रयास है। रोसाटॉम ने कहा कि करीब 2.65 अरब डॉलर की रूपपुर परियोजना पूरी तरह से पारदर्शी है और वह अदालत में इस मामले का बचाव करने के लिए तैयार है।
रोसाटॉम का यह बयान बांग्लादेश के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग द्वारा एक बयान जारी करने के एक दिन बाद आया है, जिसमें अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) और उनके परिवार के सदस्यों, जिनमें उनकी भतीजी और ब्रिटेन की राजस्व मंत्री ट्यूलिप सिद्दीक भी शामिल हैं, ने मलेशिया स्थित संस्थाओं को लगभग 900 मिलियन अमरीकी डालर भेजने का आरोप लगाया गया है। बांग्लादेशी आयोग ने आंतरिक जांच रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि उसने रूपपुर परमाणु ऊर्जा परियोजना में लगभग 5 अरब अमेरिकी डॉलर की अनियमितताएं पाई हैं, जो 2011 से निर्माणाधीन है।
रोसाटॉम ने एक बयान में कहा, रोसाटॉम अपनी सभी परियोजनाओं में खुलेपन की नीति और भ्रष्टाचार से निपटने, पारदर्शी खरीद प्रणाली बनाए रखने के सिद्धांत के लिए प्रतिबद्ध है। बाहरी ऑडिट नियमित रूप से परियोजना की व्यावसायिक प्रक्रियाओं के खुलेपन की पुष्टि करते हैं। रोसाटॉम स्टेट कॉर्पोरेशन अदालत में अपने हितों और प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए तैयार है।
बांग्लादेश के भ्रष्टाचार निरोधक आयोग द्वारा राजस्व मंत्री ट्यूलिप सिद्दीक और उनके परिवार के सदस्यों पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिए अरबों रुपये के गबन का आरोप लगाए जाने के बाद कैबिनेट कार्यालय की औचित्य एवं नैतिकता टीम ने उनसे पूछताछ की है। उधर, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर ने इस संबंध में अपनी राजस्व मंत्री ट्यूलिप सिद्दीक को अपना पूर्ण समर्थन दिया है। गौरतलब है कि वित्त मंत्री के रूप में सिद्दीक की भूमिका में वित्तीय भ्रष्टाचार से निपटने की जिम्मेदारी भी शामिल है।
बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने कहा है कि वह पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के अपने औपचारिक अनुरोध पर भारत सरकार की ओर से निश्चित समय तक प्रतिक्रिया का इंतजार करेगी और यदि 'स्वाभाविक समय' के भीतर कोई जवाब नहीं मिलता है, तो वो 'नोट ऑफ अर्जेंसी' भेजेगी।