वैज्ञानिकों ने सौरमंडल में नया ग्रह मिलने की संभावना जताई है। इससे अंतरिक्ष के रहस्यों पर नई रोशनी पड़ने की उम्मीद भी बनी है।
अंतरिक्ष से जुड़े मामलों की रिसर्च करने वाले वैज्ञानिक सौरमंडल में नए ग्रहों की खोज करने के प्रयासों में भी लगे रहते हैं। हाल ही में अमेरिका के प्रिंसटन विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने सौरमंडल में एक संभावित नए ग्रह की संभावना जताई है। उन्हें सौरमंडल में एक नया ग्रह मिलने के संकेत मिले हैं, जिसे उन्होंने ‘प्लैनेट वाय’ नाम दिया है। हालांकि यह ग्रह अभी तक दिखाई नहीं दिया है, बल्कि नेपच्यून के पार कुइपर बेल्ट की झुकी हुई कक्षाओं के आधार पर इसका अनुमान लगाया गया है।
वैज्ञानिकों के अनुसार यह ग्रह बुध से बड़ा और पृथ्वी से छोटा हो सकता है। कुइपर बेल्ट, सौरमंडल की बाहरी सीमा पर बर्फीले ग्रहों और एस्टेरॉइड्स की रिंग है, जहाँ प्लूटो और अन्य ग्रह पाए जाते हैं।
प्रिंसटन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों की टीम ने कंप्यूटर मॉडल से पाया कि नेपच्यून के पार कुइपर बेल्ट की कक्षाओं में लगभग 15 डिग्री का झुकाव है, जिसे किसी अदृश्य ग्रह के बिना समझाना मुश्किल है। यह ग्रह संभवतः पृथ्वी और बुध के बीच के आकार का है और सूर्य से लगभग 100 से 200 गुना दूरी पर मौजूद हो सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इसकी उपस्थिति कुइपर बेल्ट की असमानताओं को समझने में मदद कर सकती है।
'प्लैनेट वाय' को लेकर बहस नई नहीं है। पहले 'प्लैनेट एक्स' और 'प्लैनेट नाइन' जैसी परिकल्पनाएं भी सामने आ चुकी हैं। लेकिन आने वाले समय में चिली स्थित वेरा सी. रूबिन ऑब्ज़र्वेटरी का विशाल टेलिस्कोप तस्वीर को साफ कर सकता है। वैज्ञानिकों के अनुसार अगर यह ग्रह है तो इसकी खोज सौरमंडल की संरचना को समझने में अहम पड़ाव साबित होगी।