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श्रीलंका की तरक्की भारत से जुड़ी! विपक्ष के नेता प्रेमदासा बोले- ज्यादा निवेश लाओ, सब खुशहाल रहेंगे

Sri Lanka India Investment: श्रीलंका विपक्ष नेता प्रेमदासा ने भारत से ज्यादा निवेश मांगा और कहा कि देश की तरक्की भारत से जुड़ी हुई है। सन 2022 संकट में 4.2 अरब डॉलर मदद के लिए मोदी को धन्यवाद दिया और FTA अपग्रेड करने की अपील की।

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Nov 05, 2025
श्रीलंका में विपक्ष के नेता प्रेमदासा। ( फोटो: ANI )

Sri Lanka-India Investment : श्रीलंका में विपक्ष के नेता साजिथ प्रेमदासा (Sajith Premadasa) ने भारत को अपना सबसे बड़ा दोस्त बताया है। बुधवार को भारत दौरे पर आए प्रेमदासा ने कहा कि श्रीलंका का विकास भारत के साथ मिल कर ही हो सकता है। उन्होंने भारतीय कंपनियों से श्रीलंका में कारोबार बढ़ाने की अपील की। प्रेमदासा ने एएनआई (ANI) से बातचीत में कहा, "श्रीलंका (Sri Lanka) की प्रगति भारत से अलग नहीं हो सकती। हमारे बीच पहले से फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (Free Trade Agreement) है। इसे और बेहतर करेंगे तो श्रीलंका का तेजी से विकास होगा। नौकरियां बढ़ेंगी, लोगों की जिंदगी सुधरेगी।" उन्होंने भारतीय व्यापारियों को खुला न्योता दिया। बोले, "आइए, निवेश (Sri Lanka-India Investment) कीजिए। आपकी पूंजी से हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। सब साथ मिल कर अमीर बनेंगे।"

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लोग सड़कों पर उतरे

बता दें श्रीलंका (Sri Lanka) सन 2022 में दिवालिया हो गया था। ईंधन, दवा व खाना सब गायब हो गए ​थे। लोग सड़कों पर उतरे, तब राष्ट्रपति को भागना पड़ा। उस मुश्किल वक्त भारत ने सबसे पहले श्रीलंका की तरफ मदद के लिए हाथ बढ़ाया। करीब 4.2 अरब डॉलर की मदद दी। प्रेमदासा ने इसे याद कर प्रधानमंत्री मोदी और भारत की जनता का शुक्रिया अदा किया और कहा, "कोरोना हो या दिवालिया, भारत ने पूरा साथ दिया।" भारत ने ईंधन, खाना व दवाइयां भेजीं। आरबीआई से करेंसी स्वैप किया। भुगतान टाले गए। प्रेमदासा ने इसे "अमूल्य योगदान" बताया। बोले, "भारत सच्चा दोस्त साबित हुआ।"

श्रीलंका की सरकार सहयोग कर रही है

श्रीलंका के लोग भारत की मदद को आज भी याद करते हैं। एक दुकानदार ने कहा, "भारत न होता तो हम भूखे मर जाते।" प्रेमदासा की अपील से कारोबारी उत्साहित हैं। एक भारतीय उद्योगपति बोले, "श्रीलंका में मौका है। वहां की सरकार सहयोग दे रही है।" प्रेमदासा भारत सरकार के न्योते पर आए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) और विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) से मिले। कई बड़े अधिकारियों से बात की। कहा, "यह यात्रा दोनों देशों के रिश्ते को और मजबूत करेगी।" श्रीलंका में अब निवेश के लिए नई पॉलिसी आने की चर्चा है।

भारत के अलावा चीन का भी प्रभाव है

श्रीलंका अब संकट से बाहर निकल रहा है। पर्यटन लौट रहा है, लेकिन कर्ज का बोझ अभी भी है। भारत के अलावा चीन का भी प्रभाव है। प्रेमदासा चाहते हैं कि भारत का निवेश बढ़े तो चीन का दबदबा कम हो। मुक्त व्यापार समझौते को अपडेट करने की बात चल रही है। इससे श्रीलंका में भारतीय सामान सस्ता होगा।

श्रीलंका के युवा भारत में पढ़ना चाहते हैं

श्रीलंका में बंदरगाह, होटल व आईटी बाजार में मौका है। भारतीय कंपनियां पहले से कोलंबो में हैं। अब वे ग्रामीण इलाकों में भी जा सकती हैं। प्रेमदासा की पार्टी चुनाव लड़ रही है। अगर चुनावजीते तो भारत के साथ और करीबी रिश्ते का वादा किया है। दोनों देशों की संस्कृति व इतिहास समान है। रामायण काल से रिश्ता है। श्रीलंका के युवा भारत में पढ़ना चाहते हैं। भारतीय पर्यटक वहां घूमने जाते हैं। प्रेमदासा बोले, "हमारा भविष्य एक-दूसरे में है।" भारत हमेशा पड़ोसी पहले की नीति पर चलता है। श्रीलंका को मदद देकर उसने उदाहरण पेश किया। अब निवेश से दोनों को फायदा है। बहरहाल प्रेमदासा की अपील से व्यापार का नया दौर शुरू हो सकता है।

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