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अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने दिया मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को झटका, भारत प्रत्यर्पण पर रोक लगाने की याचिका खारिज

Supreme Court Of US' Big Decision: अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को रोकने की याचिका को खारिज कर दिया है।

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Mar 07, 2025
26/11 Mumbai terror attack accused Tahawwur Rana

26/11 मुंबई आतंकी हमले (Mumbai Terror Attack) का मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा (Tahawwur Hussain Rana) इस समय अमेरिका (United States Of America) की जेल में बंद है। भारत सरकार काफी समय से तहव्वुर के प्रत्यर्पण (Tahawwur Rana Extradition) का प्रयास कर रही है और कुछ समय पहले इसे ग्रीन सिग्नल भी मिल गया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Of US) ने तहव्वुर को भारत को सौंपने का फैसला सुना दिया है। इतना ही नहीं, पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की अमेरिका दौरे के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने भी कहा था कि वो जल्द ही मुंबई हमले के आरोपी को भारत प्रत्यर्पित कर देंगे। हालांकि जेल में बंद तहव्वुर, भारत प्रत्यर्पण को रोकने की पूरी कोशिश कर रहा है और इसके लिए उसने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी लगाई है। लेकिन इस मामले में अब उसे झटका लगा है।

अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की तहव्वुर की याचिका

मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर ने अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी कि उसे भारत प्रत्यर्पित न किया जाए। तहव्वुर ने अपनी याचिका में कहा था कि अगर उसे भारत को सौंप दिया गया तो उसे टॉर्चर किया जाएगा और उसकी मौत हो जाएगी। अपने भारत प्रत्यर्पण को रोकने के लिए तहव्वुर ने कई दलीलें दी, लेकिन उसका कोई फायदा नहीं हुआ। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर की याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया है। इससे मुंबई हमले के आरोपी को बड़ा झटका लगा है क्योंकि भारत प्रत्यर्पण को रोकने के लिए यह उसकी आखिरी कोशिश थी।

लश्कर-ए-तैयबा ने दिया था हमले को अंजाम

मुंबई में हुए आतंकी हमले को पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने अंजाम दिया था। इस आतंकी हमले में 175 लोगों की मौत हुई थी, जिनमें 166 नागरिक और 9 आतंकी थे। इतना ही नहीं, 300 से ज़्यादा लोग इस आतंकी हमले में घायल भी हो गए थे। लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी इस हमले में शामिल थे। 10 में से सिर्फ एक आतंकी अजमल कसाब ही इस हमले में ज़िंदा बच गया था और बाकी सभी मारे गए थे। कसाब को 2012 में फांसी दे दी गई थी। इस हमले की साजिश रचने में तहव्वुर राणा ने भी अहम भूमिका निभाई थी।

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