India Oil Imports: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि भारत ने रूस से तेल आयात में महत्वपूर्ण कमी की है।
India Oil Imports: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) ने गुरुवार को दावा किया है कि भारत ने रूस से तेल आयात (India Oil Imports) में महत्वपूर्ण कमी की है। उन्होंने इस बात को दोहराया कि भारत का रुख "बहुत अच्छा" रहा है, और दिल्ली ने मास्को से अपनी ऊर्जा खरीद (Russian Oil Purchase) में उल्लेखनीय कमी की है। ट्रंप ने यह टिप्पणी बुसान में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ शिखर बैठक के बाद एयरफोर्स वन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए की। ट्रंप ने कहा कि चीन रूस से तेल खरीदने में काफी सक्रिय है, लेकिन भारत ने इस मोर्चे पर "बहुत अच्छा" प्रदर्शन किया है। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका ने मिलकर यह चर्चा की कि कैसे रूस से तेल खरीदने (rump India Energy) के मामले में भारत ने एक संतुलित कदम उठाया है। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने इस विषय पर भारत से सीधे बातचीत की थी और भारत ने उन्हें आश्वासन दिया था कि वह रूस से तेल आयात में उल्लेखनीय कमी लाएगा। T
भारत की विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत तेल और गैस का एक प्रमुख आयातक है और अस्थिर वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य में भारतीय उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना उसकी सर्वोच्च प्राथमिकता है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारत की ऊर्जा खरीद नीति स्थिर ऊर्जा कीमतों और सुरक्षित आपूर्ति को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से तैयार की गई है। इसके तहत भारत ऊर्जा स्रोतों का विविधीकरण और बाजार स्थितियों के अनुसार रणनीतियाँ अपनाने की कोशिश कर रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कुछ दिन पहले यह दावा किया था कि भारत रूस से तेल खरीदने में कटौती करेगा, और साल के अंत तक इसको लगभग शून्य तक लाएगा। इस बयान के बाद, भारत ने इसे लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत अपनी ऊर्जा खरीद नीति में पूरी तरह से संतुलन बनाने का प्रयास कर रहा है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत की प्राथमिकता स्थिर ऊर्जा मूल्य और आपूर्ति सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
अमेरिका के साथ भारत का ऊर्जा सहयोग पिछले कुछ वर्षों में गहरा हुआ है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि पिछले दशक में भारत ने अपनी ऊर्जा खरीद का दायरा बढ़ाने के प्रयास किए हैं और इस दिशा में लगातार प्रगति की है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि अमेरिका इस समय भारत के साथ ऊर्जा सहयोग को और गहरा करने के लिए इच्छुक है और इस पर चर्चा जारी है।
बहरहाल इस मामले ने अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा बाजार में भारत की भूमिका को और मजबूत किया है। जहां एक ओर अमेरिका भारत से ऊर्जा खरीद बढ़ाने में रुचि दिखा रहा है, वहीं भारत ने रूस से ऊर्जा खरीद में कमी लाकर अपनी ऊर्जा नीति में बदलाव की दिशा में कदम उठाए हैं। हालांकि, भारत का मुख्य उद्देश्य अपने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना है और इसके लिए वह ऊर्जा स्रोतों का विविधीकरण कर रहा है।