7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

फांसी के फंदे तक पहुंची शबनम-सलीम की प्रेम कहानी, सुप्रीमकोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा

Highlights -शबनम ने प्रेमी के साथ मिलकर परिवार के सात लोगों की हत्या की थी -राष्ट्रपति ने भी दया याचिका खारिज कर दी है -सुप्रीमकोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी -शबनम ने जेल में अपने बेटे को भी दिया था जन्म

3 min read
Google source verification

अमरोहा: अपने प्रेमी के साथ मिलकर परिवार के सात सदस्यों की गला रेतकर हत्या करने की आरोपी शबनम और उसके प्रेमी सलीम की फांसी की सजा अब नजदीक आ पहुंची है। इस मामले में सुप्रीमकोर्ट में दाखिल पुनर्विचार याचिका पर गुरुवार को कोर्ट ने सुनवाई कर फैसला सुरक्षित रख लिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि कोर्ट सेशन कोर्ट के फैसले को न बदले। मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने ने दोनों दोषियों की पुनर्विचार याचिका पर बहस सुनकर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया।

Person Of The Week: अमेरिका में 50 लाख की नौकरी छोड़ IPS अधिकारी बने संतोष कुमार मिश्रा

पढ़ी लिखी थी शबनम

जनपद के हसनपुर क्षेत्र के गांव के बावनखेड़ी में रहने वाले शिक्षक शौकत अली के परिवार में पत्नी हाशमी, बेटा अनीस, राशिद, पुत्रवधु अंजुम, बेटी शबनम व दस महीने का मासूम पौत्र अर्श थे। इकलौती बेटी शबनम को पिता शौकत अली ने लाड़-प्यार से पाला था। बेहतर तालीम दिलाई। एमए पास करने के बाद वह शिक्षामित्र हो गई। इस दौरान शबनम का प्रेम प्रसंग गांव के ही आठवीं पास युवक सलीम से शुरू हो गया। दोनों प्यार में इतना आगे बढ़ गए कि उन्होंने सामाजिक तानाबाना छिन्न-भिन्न कर दिया। दोनों शादी करना चाहते थे, लेकिन शबनम सैफी तो सलीम पठान बिरादरी से था। लिहाजा शबनम के परिवारीजन को यह मंजूर नहीं हुआ।

गणतंत्र दिवस पर गाेल्ड मेडल से सम्मानित हाेंगे सहारनपुर एसएसपी दिनेश कुमार पी
ये है पूरा मामला
14 अप्रैल, 2008 की रात को शबनम ने प्रेमी सलीम को घर बुलाया। इससे पहले उसने परिवारीजन को खाने में नींद की गोली खिलाकर सुला दिया था। उस दिन शबनम की फुफेरी बहन राबिया भी उनके घर आई हुई थी। रात में शबनम व सलीम ने मिलकर नशे की हालत में सो रहे पिता शौकत, मां हाशमी, भाई अनीस, राशिद, भाभी अंजुम, फुफेरी बहन राबिया व दस माह के भतीजे अर्श का गला काट कर मौत की नींद सुला दिया। घटना को अंजाम देकर सलीम तो वहां से भाग गया था, लेकिन शबनम रातभर घर में ही रही। तड़के में उसने शोर मचा दिया कि बदमाश आ गए हैं। शोर सुनकर गांव के लोग मौके पर पहुंचे और वहां का नजारा देख पैरों तले जमीन खिसक गई। दुमंजले पर बने तीन कमरों में मासूम समेत सभी सात लोगों के गला कटे शव पड़े थे। दिन निकलने तक गांव बावनखेड़ी देशभर में छा गया। घटना ने देश भर को झंकझोर दिया था, मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती भी घटनास्थल पर पहुंची थीं।

कमिश्नरी लागू होते ही एक्शन में आई नोएडा पुलिस, अलग-अलग जगहों से आधा दर्जन वाहन चोर गिरफ्तार, देखें वीडियो

ऐसे खुला था राज

घटना वाले दिन से पुलिस को फर्जी कहानी सूना रही शबनम पर पुलिस को शक हुआ तो उसकी मोबाइल डिटेल खंगाली गयी। जिसके बाद पुलिस पूछताछ में वो टूट गयी और अपना जुर्म क़ुबूल कर लिया। प्रेमी सलीम ने हत्या में प्रयुक्त कुल्हाड़ी भी गांव के तालाब से बरामद करा दी थी। इस मामले में स्थानीय अदालत ने भी दोनों को फांसी की सजा सुनाई थी। शुरुआत में दोनों को मुरादाबाद जेल में रखा गया। लेकिन फांसी होने के बाद सलीम को आगरा सेन्ट्रल जेल जबकि शबनम को मुरादाबाद जेल में ही रखा गया। अभी चार महीने पहले ही शबनम को रामपुर शिफ्ट किया गया है।

Moradabad: दो बार हारे विधानसभा चुनाव, अब राजपाल चौहान को भाजपा ने दी ये बड़ी जिम्मेदारी

जेल में बेटे को जन्म दिया

मुरादाबाद जेल में ही शबनम ने एक बेटे को जन्म दिया, जिसे उसके बुलंदशहर निवासी दोस्त ने गोद ले रखा है। अक्सर वो मां शबनम से मिलने आता है। उधर अमरोहा के शबनम के गांव में लोगों को शबनम नाम से इस कदर चिढ़ हो गयी है कि कोई भी अपनी बेटी का नाम शबनम नहीं रखना चाहता।

बेहतर पुलिसिंग के लिए Bulandshahr एसएसपी होंगे गणतंत्र दिवस पर सम्मानित

रामपुर जेल में रोकर है बुरा हाल

शबनम ने सेशन कोर्ट के खिलाफ हाई कोर्ट और फिर राष्ट्रपति से भी फांसी की सजा माफ़ करने की गुहार लगाई थी। लेकिन कहीं से भी उसे राहत नहीं मिली। अब गुरूवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसला सुरक्षित रखने की खबर के बाद रामपुर जेल में शबनम का रो रोकर बुरा हाल है।


बड़ी खबरें

View All

अमरोहा

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग