MP Crime- एमपी में डिजिटल अरेस्टिंग का एक ऐसा मामला उजागर हुआ है जिससे पुलिसवाले भी हैरान रह गए।
MP Crime- एमपी में डिजिटल अरेस्टिंग का एक ऐसा मामला उजागर हुआ है जिससे पुलिसवाले भी हैरान रह गए। यहां के एक बीजेपी नेता का इलेक्ट्रॉनिक कारोबारी पुत्र कई सालों से डिजिटल अरेस्ट है। कारोबारी से बदमाश, अनेक अलग अलग खातों में लाखों रुपए जमा कराते रहे। उनसे सीबीआई अधिकारी, पुलिस अधिकारी, वकील बनकर ठगी की गई। वे इतने डरे हुए थे कि बमुश्किल शिकायत दर्ज कराने आगे आए। पुलिस के अनुसार बीजेपी नेता के पुत्र से ठगी करनेवाले गिरोह के सरगना की मौत हो चुकी है। मामले में पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
एमपी के अनूपपुर में बीजेपी नेता अवधेश ताम्रकार के इलेक्ट्रॉनिक कारोबारी बेटे आशीष ताम्रकार 8 साल से डिजिटल अरेस्ट हैं। वे सन 2017 से ठगों के खौफ में जी रहे हैं। इस दौरान डरा, धमकाकर उनसे 45 लाख रुपए विभिन्न खातों में जमा कराए गए। फिलहाल पुलिस ने एक आरोपी को विदिशा से गिरफ्तार किया है।
थाना प्रभारी रत्नांबर शुक्ला ने बताया कि 53 साल के आशीष ताम्रकार इलेक्ट्रॉनिक दुकान के संचालक हैं। वे वायदा बाजार में भी निवेश करते थे। 2017 में उन्हें 23 लाख रुपए मिले जिसकी गिरोह को भनक लग गई। उन्हें नीमच का पुलिस अधिकारी बनकर फोनकर डराया और पूरी राशि अपने खाते में ट्रांसफर करवा ली।
इसके बाद भी गिरोह के अलग अलग बदमाश अलग-अलग मोबाइल नंबरों का उपयोग कर आशीष ताम्रकार के मोबाइल पर फर्जी पुलिस अधिकारी, जज, सीबीआई अधिकारी, वकील बनकर आते रहे और गिरफ्तारी का डर दिखाते रहे। पुलिस अधीक्षक एम. रहमान ने बताया कि डिजिटल अरेस्ट करते हुए बदमाशों ने उनसे 8 सालों में कुल 45 लाख रुपए ठगे।
आखिरकार परेशान होकर कारोबारी आशीष ताम्रकार ने किसी तरह हिम्मत जुटाकर पुलिस को शिकायत कर दी। इसके बाद विदिशा के 32 साल के युवक सौरभ शर्मा को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से ठगी के दस्तावेज सहित लैपटॉप और मोबाइल भी जब्त किए गए हैं। पुलिस के अनुसार गिरोह के सरगना महेंद्र शर्मा और एक अन्य आरोपी रवि डेहरिया की मौत हो चुकी है। आरोपी लकी कुमावत व चित्रांश ठाकुर की पुलिस तलाश कर रही है।