मृतिका की पहचान 59 वर्षीय वृद्धा रामकली बैगा पति स्व. जगतलाल बैगा पीपी लाइन बैगा दफाई राजनगर में रहने वाली के रूप में हुई है। युवक रामलाल बैगा ने बताया कि, उसकी मां 11 जून की रात लगभग 8 बजे घर से बिना बताए निकली थी। संभवत: शौच के लिए गई होगी। पूर्व में वो अकसर कहती थी, ‘कहीं चली जाउंगी।’ इसके बाद दो-चार खोजबीन करने पर नहीं मिली तो इसकी शिकायत रामनगर थाने में दर्ज कराई गई थी। इसके बाद भी खोजबीन जारी रखी गई थी। लेकिन अब तक नहीं मिली थी।
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बताया जाता है कि, सुबह बकरी चराने गांव के चरवाहे मुक्तिधाम की ओर गए थे, जहां उसकी नजर पास किसी महिला के बाल बिखरे होने और कुछ हड्डियां बिखरी पड़ी थी। आस पास नजर दौड़ाने पर किसी कंकाल की ढेर सारी हड्डियां नजर आई और साड़ी भी। पुलिस परिजन का बयान दर्ज कर कंकाल को एकत्रित करने में जुटी है।
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ढाई किलोमीटर दूर मिला कंकाल
ग्रामीणों के अनुसार, वृद्धा के घर से मुक्तिधाम की दूरी लगभग ढाई किलोमीटर है। गांव से मुक्तिधाम तक बैगाटोला से जाने के दौरान जंगल ही जंगल का क्षेत्र है। यहां वृद्धा कैसे पहुंची ये जांच का विषय बना हुआ है, जहां वृद्धा का नर-कंकाल पाया गया है। हड्डियों के बिखरे पड़े होने संभावना जताई जा रही है कि, शव को जंगली जानवरों ने नोंच-खसोंट कर क्षत विक्षप्त कर दिया होगा। वहीं, कंकाल की हड्डियों को भी तितर-बितर कर दिया। इसके कारण आसपास के 50 मीटर के दायरे में कंकाल की हड्डियों के साथ साड़ी के भी टुकड़े पाए गए हैं। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।