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जमीन पर खूनी संघर्ष, पिता-भांजे की मौत, अलग-अलग उठी अर्थियां, रिश्तेदारों ने बनाई दूरी

MP News: अशोकनगर में चार बीघा जमीन विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया। पिता, पुत्र और भांजे की मौत से गांव में दहशत, रिश्तेदारों ने अंतिम संस्कार से दूरी बनाई।

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ashoknagar land dispute (फोटो- सोशल मीडिया)

Land Dispute: चार बीघा जमीन के विवाद में हुए खूनी संघर्ष में पिता व भांजे की मौत के बाद गंभीर घायल पुत्र ने भी दम तोड़ दिया। इससे गांव में सनसनी का माहौल है, पिता-पुत्र की अलग-अलग समय पर अर्थी निकाली गई और अंतिम संस्कार में रिश्तेदार व ग्रामीण तो दूर बात परिवार के लोग भी शामिल नहीं हुए। ऐसे में पुलिस ने गांव के कुछ लोगों को बुलाकर अंतिम संस्कार करवाया। (MP News)

ये है पूरा मामला

मामला अशोकनगर के कचनार थाना क्षेत्र के करैया बनेट गांव का है। जहां खिलनसिंह यादव के हिस्से की चार बीघा जमीन के विवाद में उसके दोनों पुत्र राजमहेंद्र व कृष्णभान यादव में बुधवार को खेत पर खूनी संघर्ष हो गया था। जिसमें पिता खिलनसिंह यादव व भांजे महुआखेड़ा निवासी पवन यादव की मौत हो गई थी। गंभीर घायल कृष्णभान यादव की भी इलाज के लिए भोपाल पहुंचने से पहले मौत हो गई। इस खूनी संघर्ष में अब तक तीन लोगों की मौत हो गई है।

कृष्णभान की पुत्री राधिका यादव की शिकायत पर पुलिस ने राजमहेंद्र यादव, धर्मवीर, राजवीर व खिलनसिंह यादव और राजमहेंद्र यादव की शिकायत पर कृष्णभान यादव, महुआखेड़ा निवासी पवन यादव महुआखेड़ा, नाऊखेड़ा निवासी छुट्टा यादव व कल्ला यादव के खिलाफ हत्या व हत्या के प्रयास सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर लिया। वहीं घायलों के पास जिला अस्पताल में पुलिस तैनात है।

दो घंटे बाद दी पुलिस को सूचना

इस खूनी संघर्ष का वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें लोग आपस में एक-दूसरे पर लाठी-फरसा से हमला करते दिख रहे हैं और घायल खेत में पड़े हुए हैं। साथ ही एक देशी कट्टा भी खेत में पड़ा हुआ दिख रहा है। ग्रामीणों की मानें तो यह विवाद दोपहर तीन बजे हुआ था और दो घंटे तक घायल वहीं पड़े रहे। करीब दो घंटे बाद पुलिस को सूचना मिली तो तुरंत पुलिस ने पहुंचकर घायलों व दोनों शवों को जिला अस्पताल पहुंचाया। वहीं गंभीर घायल कृष्णभान को भोपाल ले जाने रिश्तेदार तैयार नहीं हुए, देरी से किसी रिश्तेदार ने हिम्मत दिखाई लेकिन रास्ते में उसकी भी मौत हो गई।

पुलिस की मौजूदगी में अंतिम संस्कार

इस खूनी संघर्ष के बाद गांव में सन्नाटे सी स्थिति रही, साथ ही रिश्ते भी खत्म होते नजर आए। गुरुवार को खिलनसिंह यादव का उसके बड़े पुत्र राजमहेंद्र यादव ने अंतिम संस्कार किया और पवन यादव का महुआखेड़ा गांव में अंतिम संस्कार हुआ। शाम को कृष्णभान यादव का शव आया तो उसका भी अंतिम संस्कार हुआ। जहां दोनों भाइयों के परिवार एक-दूसरे के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुए। ग्रामीण व रिश्तेदार भी नहीं पहुंचे तो पुलिस ने कुछ ग्रामीणों को बुलवाकर दोनों अंतिम संस्कार करवाए और इस दौरान गांव में पुलिस तैनात रही। (MP News)