
Afghanistan Crisis: Over 400 Projects Running By India In Afghanistan, Taliban Reacts On This
काबुल। अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबान के कब्जे के बाद से अफरा-तफरी का माहौल है और लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ अंतर्राष्ट्रीय जगत की नजरें भी अफगानिस्तान पर टिकी हैं, इसमें भारत भी शामिल है, क्योंकि, अफगानिस्तान में भारत ने अरबों रुपये का निवेश किया है।
ऐसे में अब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा होने के बाद से कई तरह के सवाल खड़े हुए हैं जिसका जवाब शायद भविष्य के गर्त में छिपा है। हालांकि, अब दूसरा सवाल ये है कि अफगानिस्तान की सत्ता पर तालिबान के होते हुए भारत के इन निवेशों का क्या होगा?
भारत ने तालिबान को मान्यता देने को लेकर शुरू से ही अपना इरादा स्पष्ट किया है, लेकिन एक सवाल के जवाब में तालिबान ने भारत को लेकर ये अपने रुख को भी स्पष्ट किया है। तालिबान ने कहा है कि भारत को अफगानिस्तान में शुरु किए गए सभी प्रोजेक्ट को पूरे करना चाहिए।
भारत को लेकर तालिबान ने स्पष्ट किया अपना रुख
तालिबान ने भारत को लेकर अपने रुख को स्पष्ट करते हुए कहा कि अफगानिस्तान में अधूरी परियोजनाओं को पूरी करनी चाहिए। पाकिस्तानी न्यूज़ चैनल हम टीवी को दिए गए इंटरव्यू में तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने कहा ‘किसी भी देश को अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल दूसरों के खिलाफ करने नहीं दिया जाएगा। हां.. भारत यहां अपनी अधूरी निर्माण परियोजनाओं को पूरा कर सकता है। उसे पूरा करना भी चाहिए।’
भारत की ओऱ से तालिबान को मान्यता नहीं दिए जाने के संबंध में शाहीन ने कहा ‘हम अफगानिस्तान की सरजमीं का इस्तेमाल किसी भी सूरत में दूसरों के खिलाफ नहीं होने देंगे। ये हमारी क्लियर कट पॉलिसी है। यदि भारत ने यहां काम शुरू किया है, तो उसे पूरा करना चाहिए, क्योंकि ये सभी यहां के आवाम के लिए है।’
इस बीच तालिबान ने एक बार फिर से दोहराया और कहा कि वह किसी भी सूरत में भारत-पाकिस्तान के विवाद का हिस्सा नहीं बनना चाहता है। हम सिर्फ आजादी के लिए लड़ने वाले लोग हैं और अफगानिस्तान के लोग हैं।
अफगानिस्तान में ये हैं भारत की पांच बड़ी परियोजनाएं
आपको बता दें कि भारत ने अफगानिस्तान में इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने से लेकर बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए अरबों रुपये निवेश किया है। जानकारी के अनुसार, भारत ने अफगानिस्तान में कुल 3 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। अफगानिस्तान के 34 प्रांतों में भारत के 400 से अधिक प्रोजेक्ट हैं, जिसमें सड़क, डैम, बिजली ट्रांसमिशन लाइन, सबस्टेशन, स्कूल, अस्पताल के निर्माण के लिए निवेश किया गया है। आइए जानते हैं भारत की ओर से चलाए जा रहे पांच बड़ी परियोजनाओं के बारे में..
संसद भवन का निर्माण :- भारत ने राजधानी काबुल स्थित अफगानिस्तान की संसद का निर्माण कराया है। भारत ने इसके लिए कुल 90 मिलियन डॉलर का निवेश किया है। 2015 में पीएम मोदी ने संसद भवन का उद्घाटन किया था।
सलमा डैम का निर्माण -: भारत ने अफगानिस्तान के हेरात प्रांत में सलमा डैम का निर्माण कराया है। इसका उद्घाटन 2016 में पीएम मोदी ने किया था। इस डैम के जरिए 42 मेगावाॉट बिजली का उत्पादन होता है। इसे फ्रैंडशिप डैम के रूप में भी जाना जाता है।
हाईवे का निर्माण :- भारत ने ईरान तक अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए अफगानिस्तान के निमरुज प्रांत की राजधानी जारंज में हाईवे के निर्माण में काफी निवेश किया है। इस हाईवे के जरिए ईरान के चाबहार बंदरगाह के रास्ते जारंज शहर आसानी से पहुंचा जा सकता है। इसके अलावा इस हाईवे के जरिए ताजिकिस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान तक आसानी के साथ पहुंचा जा सकता है। लेकिन अब इस हाईवे पर तालिबान का कब्जा है।
स्वास्थ्य केंद्र का निर्माण :- भारत ने राजधानी काबुल में इंदिरा गांधी इंस्टिट्यूट फॉर चाइल्ड हेल्थ की पुन: निर्माण कराया था। इसके अलावा बल्ख, कंधार, खोश्त,कुनार, निमरुज, पाकतिया, नूरिस्तान में भी कई स्वास्थ्य केंद्र बनवाए हैं।
ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण :- अफगानिस्तान में बिजली की समस्या को दूर करने के लिए भारत ने ऊर्जा के क्षेत्र में भारी निवेश किया है। पूर्वी काबुल स्थित बघलान में 220 केवी डीसी ट्रांसमिशन लाइन को भारत ने तैयार कराया है। इसके जरिए राजधानी काबुल के पुल ए खुमारी में बिजली मुहैया कराई जा रही है।
Published on:
17 Aug 2021 07:21 pm
बड़ी खबरें
View Allएशिया
विदेश
ट्रेंडिंग
