
काबुल। अफगानिस्तान में सरकार समर्थित सेना और तालिबानी आतंकियों के बीच दशकों से संघर्ष चल रहा है। आगामी राष्ट्रपति चुनाव संभवतः 28 सितंबर को होने वाले हैं और उससे पहले एक ऐसी खबर सामने आई है, जिससे आम नागरिकों को हिलाकर रख दिया है।
दरअसल, तालिबानी हमलों में हर रोज कई लोग मारे जाते हैं, अब इसी लेकर सरकार ने एक रिपोर्ट सामने रखी है। सरकार ने एक आंकड़ा जारी करते हुए बताया है कि बीते एक साल में देश में संघर्ष संबंधी हिंसा में 3,300 से अधिक आम नागरिक मारे गए हैं। जबकि युद्ध की मार झेल रहे अफगानिस्तान में 14,600 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
टोलो न्यूज ने मंगलवार को बताया कि इसकी समय अवधि 16 सितंबर, 2018 से 10 सितंबर, 2019 तक की है। लोक स्वास्थ्य मंत्रालय ने यह आंकड़े सोमवार को जारी किए हैं। हालांकि, सरकार ने यह दावा नहीं किया है कि इसके लिए किस सेना या समूह को जिम्मेदार ठहराया जाए।
अमरीका-तालिबान के बीच शांति वार्ता रद्द
रिपोर्ट में बताया है कि आत्मघाती हमलों में मरने वालों की संख्या 460 है। रक्षा और आंतरिक मामलों के मंत्रालयों ने कहा कि उन्होंने सैन्य अभियानों के दौरान नागरिकों के हताहत होने को रोकने के लिए प्रयास किए हैं।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता रोहुल्लाह अहमदजई ने कहा कि सुरक्षा बल नागरिकों की जिंदगी को ध्यान में रखकर कोशिश कर रहे हैं कि उन्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचे।
बता दें कि अमरीका का तालिबान के साथ शांति वार्ता रद्द करने के बाद से हाल के दिनों में तालिबानी हमले तेज हो गए हैं और सेना लगातार आतंकियों के खिलाफ अभियान चला रही है। हालांकि इस बीच कई बार गलती से आम नागरिक निशान बन चुके हैं। जिसमें दर्जनों लोगों की मौत हो गई।
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Updated on:
24 Sept 2019 11:04 pm
Published on:
24 Sept 2019 04:04 pm
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