
काबुल। अफगानिस्तान में शांति बहाली की प्रक्रिया के बीच गुरुवार को तालिबान ने एक फिदायीन हमला कर अपने इरादे का साफ कर दिया है। सबसे बड़ी बात कि तालिबान ने यह हमला अमरीकी दूतावास के करीब की है, जबकि अमरीका तालिबान के साथ शांति वार्ता कर रहा है।
इस आत्मघाती हमले में अमरीका और रोमानिया के एक-एक सैनिकों की मौत हो गई है, जबकि अन्य 10 आम नागरिकों की जान चली गई।
नाटो रेजुलेट सपोर्ट मिशन ने बताया कि इस विस्फोट में दो सैनिकों की मौत हुई है, हालांकि अभी सैनिकों की पहचान के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।
अफगानिस्तान में बीते एक हफ्ते में यह दूसरा ऐसा मामला है, जिसमें चार अमरीकी सैनिकों ने अपनी जान गवांई है। हमले को लेकर अफगान सरकार ने कहा कि अमरीका तालिबान के साथ जल्दबाजी में समझौते कर रहा है।
राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक बयान में कहा कि बेगुनाह लोगों की हत्या करने वाले समूह (तालिबान) से शांति समझौता करना निरर्थक है।
विस्फोट के कुछ घंटों बाद लोगार प्रांत की राजधानी पुल-ए-आलम में अफगान विशेष बलों के सैन्य अड्डे के बाहर कार से किए गए बम विस्फोट की जिम्मेदारी तालिबान ने ली।
सोमवार को भी तालिबान ने किया था धमाका
बता दें कि राष्ट्रपति के प्रवक्ता सिद्दीकी ने ट्वीट करते हुए बताया कि हम सबने सुरक्षा कैमरों में देखा है, किसे निशाना बनाया गया है। सोशल मीडिया में साझा की जा रही वीडियो में दिख रहा है कि मानव बम की गाड़ी नाके पर मुड़ रही है और इसमें विस्फोट हो जाता है।
इससे पहले सोमवार को तालिबान ने एक विदेशी परिसर को निशाना बनाते हुए हमला किया था। इस हमले में 16 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हो गए थे।
अफगान सरकार ने अमरीका और तालिबान के बीच हो रहे समझौते को लेकर गंभीर चिंताएं प्रकट की हैं। गुरुवार को हुए हमले के बाद भी फिर से चिंता जाहिर की।
राष्ट्रपति के सलाहकार वहीद उमर ने पत्रकारों से कहा कि यह समझौता जल्दबाजी में हो रहा है। उन्होंने कहा कि मुश्किल दिन आने वाले हैं।
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Published on:
05 Sept 2019 10:39 pm
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