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Afghanistan: भगोड़ा कहे जाने पर दुनिया के सामने आए अशरफ गनी, बोले- ‘पैसे लेकर नहीं भागा’

Afghanistan छोड़ने पर घिरे अशरफ गनी ने दी सफाई, बोले- देश को खून-खराबे से बचाने के लिए छोड़ा, सुरक्षा बलों ने तुरंत देश छोड़ने को कहा- जूते बदलने तक का वक्त नहीं मिला तो पैसे लेकर क्या भागता

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Dheeraj Sharma

Aug 19, 2021

Ashraf Ghani

Afghanistan President Ashraf Ghani

नई दिल्ली। तालिबान के हमले के बाद अफगानिस्तान ( Afghanistan ) छोड़ने पर राष्ट्रपति अशरफ गनी की कड़ी आलोचना हो रही है। पैसे लेकर भागने से लेकर कई तरह के आरोप उन पर लगाए जा रहे हैं। इन तमाम आरोपों के बीच अशरफ गनी बुधवार को दुनिया के सामने आए। इस दौरान उन्होंने खुद भगोड़ा कहे जाने से लेकर अन्य आरोपों पर सफाई दी।

अशरफ गनी ने अफगानिस्तान छोड़ने के चार दिन बाद बुधवार देर रात एक वीडियो के जरिए अफगानिस्तान छोड़ने की वजह बताई। उन्होंने कहा- 'मैं देश छोड़कर नहीं आता तो कत्लेआम हो जाता, खून-खराबा होता। मैं देश में ऐसा होते नहीं देख सकता था, इसलिए मुझे हटना पड़ा।'

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पैसे लेकर नहीं भागा
अशरफ गनी के अफगानिस्तान छोड़कर जाने के साथ ही उन पर ये आरोप भी लगाए जा रहे हैं कि वे देश से काफी सारा धन लेकर भागे हैं। अपने ऊपर लगे इस आरोप का भी अशरफ गनी ने जवाब दिया, उन्होंने पैसे लेकर भागने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि, 'मैं अफगानिस्तान से पैसे लेकर भागा हूं लेकिन ये सब निराधार हैं। इसे संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के कस्टम विभाग से क्रॉस चेक किया जा सकता है।'

जूते बदलने तक का नहीं मिला वक्त
पैसे लेकर भागने के आरोपों पर सफाई देते हुए अशरफ गनी ने बताया कि, ना तो मैं देश का पैसा लेकर भागा और ना ही कोई और वस्तु। जिस वक्त मुझे देश छोड़ने के लिए कहा गया, उस वक्त इतना भी समय नहीं था कि मैं अपने जूते बदल सकूं। बहुत की कम वक्त में सुरक्षा बलों ने मुझे देश छोड़ने को कहा था।

शांति से चाहता था सत्ता का हस्तांतरण
गनी अफगानिस्तान छोड़ने के बाद पहली बार सामने आए थे। वीडियो के जरिए उन्होंने कहा कि, 'मैं काबुल में रहता तो कत्लेआम मच जाता।'

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मैं मौत से नहीं डरता
अशरफ गनी ने कहा- तालिबान से बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल रहा था। सुरक्षा कारणों की वजह से अफगानिस्तान से बाहर गया। मैं मौत से नहीं डरता।

समझौता हुआ था कि तालिबान काबुल में प्रवेश नहीं करेगा
गनी बोले- भगोड़ा कहने वाले मेरे बारे में नहीं जानते हैं, मुझे बताया गया था कि तालिबान काबुल में आ चुका है। यह एक तथ्य है कि हमारे और तालिबान के बीच एक समझौता हुआ था कि तालिबान काबुल में प्रवेश नहीं करेगा, लेकिन उन्होंने प्रवेश किया। मैंने खूनी संघर्ष से बचने के लिए अफगानिस्‍तान छोड़ने का फैसला किया।

लौटना चाहते हैं अफगानिस्तान
अफगानिस्तान के नाम संदेश में अशरफ गनी ने कहा कि वे वतन वापसी को लेकर बातचीत कर रहे हैं। उन्हें उनकी इच्छा के खिलाफ देश से बेदखल किया गया है।

यूएई में ली शरण
अफगानिस्तान से निकलकर अशरफ गनी ने इस्लामिक देश संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में शरण ली है। यूएई ने कहा है कि अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी उनके देश में हैं। अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी और उनके परिवार को मानवीय आधार पर स्वीकार कर लिया गया है।