इसके तहत सरकार ने भारत में प्रवेश करने के लिए इच्छुक लोगों के वीजा आवेदनों को तेजी से ट्रैक करने के लिए ‘ई-आपातकालीन एक्स-मिस्क वीजा’ ( E-Emergency X- Misc Visa ) नाम से इलेक्ट्रॉनिक वीजा की एक नई कैटेगरी शुरू की है।
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अफगानिस्तान से भारत आने की इच्छा रखने वाले अफगान नागरिकों की अर्जियों पर जल्द फैसला हो इसके लिए गृह मंत्रालय ने मंगलवार को वीजा की नयी श्रेणी की घोषणा की। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक अफगानिस्तान में मौजूदा हालात को देखते हुए वीजा प्रावधानों की समीक्षा की गई। भारत में प्रवेश के लिए वीजा अर्जियों पर जल्द फैसला हो इसके लिए ई-आपातकालीन एवं अन्य वीजा की नयी श्रेणी बनाई है। विमान से गिरकर तीन की हुई थी मौत
तालिबान के खौफ के चलते अफगानिस्तान छोड़ने के लिए हजारों की तादाद में लोग एयपोर्ट पहुंच रहे हैं। सोमवार को देश छोड़कर दूसरी जगह जाने की जल्दी में कुछ नागरिक सेना के जेट पर सवार हो गए, जिसमें से तीन की गिरकर मौत हो गई थी। अमरीकी अधिकारी के मुताबिक अफगानिस्तान में भगदड़ के कारण करीब सात लोगों की मौत हो गई।
तालिबान के खौफ के चलते अफगानिस्तान छोड़ने के लिए हजारों की तादाद में लोग एयपोर्ट पहुंच रहे हैं। सोमवार को देश छोड़कर दूसरी जगह जाने की जल्दी में कुछ नागरिक सेना के जेट पर सवार हो गए, जिसमें से तीन की गिरकर मौत हो गई थी। अमरीकी अधिकारी के मुताबिक अफगानिस्तान में भगदड़ के कारण करीब सात लोगों की मौत हो गई।
वैसे तो राजधानी काबुल में किसी तरह की प्रताड़ना या बड़े हमलों की खबर नहीं है, लेकिन विद्रोहियों के लगातार आगे बढ़ने, जेलों से खूंखार कैदियों को रिहा करने और हथियार लूटने जैसी घटनाओं के चलते लोगों में दहशत का महौल है। स्थानीय लोग को अपनी जान का डर सता रहा है। यही वजह है कि लोग हर कीमत पर अफगान छोड़ना चाहते हैं।
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अफगानिस्तान में हालात महज एक हफ्ते में बिगड़ गए। हालांकि संघर्ष लंबे समय से चल रहा था। तालिबान ने पश्चिमी संस्कृति के समर्थन वाली सरकार को हटा कर एक सप्ताह के अंदर ही काबुल पर कब्जा जमा लिया।
वहीं तालिबान ने बड़े नेताओं ने कहा है कि अफगानिस्तान छोड़कर जाने वालों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। किसी को भी किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी, लेकिन तालिबान के इतिहास की वजह से लोगों का डर अब भी कायम है।
अफगानिस्तान में हालात महज एक हफ्ते में बिगड़ गए। हालांकि संघर्ष लंबे समय से चल रहा था। तालिबान ने पश्चिमी संस्कृति के समर्थन वाली सरकार को हटा कर एक सप्ताह के अंदर ही काबुल पर कब्जा जमा लिया।
वहीं तालिबान ने बड़े नेताओं ने कहा है कि अफगानिस्तान छोड़कर जाने वालों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। किसी को भी किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी, लेकिन तालिबान के इतिहास की वजह से लोगों का डर अब भी कायम है।