सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि उपद्रवी अचानक मंदिर के अंदर लाठी-डंडे के साथ घुसते हैं और तोड़फोड़ शुरू कर देते हैं। बेकाबू भीड़ ने मंदिर में शीशे तक तोड़ दिए। इन शीशों के पीछे देवी-देवताओं की मूर्तियां रखी हुई थीं।
यही नहीं उपद्रवियों ने मंदिर के कई हिस्सों को नुकसान पहुंचाया।
खास बात यह है कि उपद्रवियों की इस कायराना हरकत के बाद इलाके में बड़े पैमाने पर पुलिस बल तो तैनात कर दिया गया। मामले की जांच भी शुरू हो गई, लेकिन अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
इमरान खान की पार्टी PTI के नेता और युवा हिंदू पंचायत पाकिस्तान के संरक्षक जय कुमार धीरानी ने इस घटना की कड़ी निंदा की। उन्होंने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने लिखा कि, जिले के भोंग शरीफ में मंदिर पर हुए इस नृशंस हमले की कड़ी निंदा करता हूं। यह हमला प्यारे पाकिस्तान के खिलाफ साजिश है। मैं अधिकारियों से दोषियों को सलाखों के पीछे डालने का अनुरोध करता हूं।
पीएम इमरान खान के स्पेशल असिस्टेंट डॉ. शहबाज गिल ने घटना को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताया। प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस अप्रिय घटना का संज्ञान लिया और जिला प्रशासन को मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं।
वहीं पुलिसिया कार्रवाई असंतुष्ट अल्पसंख्यक समुदाय ने अब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से हस्तक्षेप की गुहार लगाई है। पाकिस्तान के हिंदू परिषद के अध्यक्ष डॉक्टर रमेश वानकानी ने बताया कि पंजाब प्रांत के रहीमयार खान जिले के भोंग शहर में यह हिंदू मंदिर स्थित है जिस पर कट्टरपंथियों ने हमला किया है। उन्होंने कहा कि इलाके में बुधवार को हालात तनावपूर्ण हो गए थे।
पिछले साल दिसंबर में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में सौ से अधिक लोगों की भीड़ ने एक हिंदू मंदिर में तोड़फोड़ के बाद आग लगा दी थी। घटना करक जिले के टेरी गांव की थी। वहीं लॉकडाउन के दौरान हिंदू और ईसाई लड़कियों का जमकर धर्मांतरण भी हुआ है। पाकिस्तानी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने चिंता जताते हुए कहा है कि इस कारण अल्पसंख्यकों के मन में असुरक्षा की भावना भी तेजी से बढ़ी है।