25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

खस्ताहाल हो रही है चीन की अर्थव्यवस्था, 1990 के बाद विकास दर में सबसे बड़ी गिरावट

China economy: 1990 के दशक की शुरुआत से चीन की अर्थव्यवस्था अपनी सबसे धीमी गति से बढ़ी अप्रैल से जून की तिमाही में चीनी अर्थव्यवस्था 6.2 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ी

2 min read
Google source verification
xi jinping

बीजिंग। आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में चीनी अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी गिरवाट दर्ज की गई है। 1990 के दशक की शुरुआत से चीन की अर्थव्यवस्था अपनी सबसे धीमी गति से बढ़ी है। अप्रैल से जून की तिमाही में चीनी अर्थव्यवस्था 6.2 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ी है। यह परिणाम पूर्वानुमान के अनुरूप ही है।

एक जैसा है ट्रंप और इमरान का मिजाज, अल्लाह खैर करे: पाक मंत्री

संकट में चीन

चीन ने इस साल अपनी अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए खर्च में वृद्धि और कर में कटौती को बढ़ावा दिया है। अमरीका के साथ जारी व्यापार युद्ध ने चीन के व्यवसायों को भारी नुकसान पहुंचाया है। सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों से पता चला है कि वर्ष के पहले तीन महीनों में चीन की आर्थिक विकास दर 6.4% से धीमी रही। चीन के राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो ने कहा कि ये आंकड़े देश और विदेश में जटिल व्यापारिक वातावरण की ओर इशारा करते हैं।

नेपाल: भूस्खलन और बाढ़ का कहर, अब तक 65 लोगों की मौत, 38 घायल

बताया गया है कि अर्थव्यवस्था ने 2019 की पहली छमाही में संतोषजनक सीमा के भीतर ही प्रदर्शन किया है लेकिन उसे नए दबाव का सामना करना पड़ा है। हालांकि कुछ अन्य आंकड़ों से दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में सुधार के कुछ संकेत भी मिले हैं। एक साल पहले की तुलना में जून में औद्योगिक उत्पादन 6.3 % बढ़ा, जबकि खुदरा बिक्री में 9.8% की वृद्धि हुई।

ट्रेडवॉर का असर

चीन की विकास दर ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संभावित संकट के बारे में चिंता जताई है। इस वर्ष की शुरुआत में बीजिंग ने अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के प्रयास में अरबों डॉलर खर्च करने और करों में कटौती को बढ़ावा देने की घोषणा की थी। जानकरों का कहना है कि नवीनतम आर्थिक आंकड़े इशारा करते हैं कि "मंदी बरकरार है और बाजारों को इस वर्ष के अंत में चीन के केंद्रीय बैंक से और अधिक प्रोत्साहन की उम्मीद करनी चाहिए।"

आगे की राह आसान नहीं

जानकारों का कहना है कि व्यापार युद्ध का चीन की अर्थव्यवस्था पर भारी प्रभाव पड़ रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि कथित सार्थक प्रगति के लिए व्यापार वार्ता का कोई अंत नहीं है। हालांकि जदोनों पक्ष जापान में हाल ही में जी 20 शिखर सम्मेलन में व्यापार वार्ता को फिर से शुरू करने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने पहले से ही एक-दूसरे के सामानों के अरबों डॉलर पर शुल्क लगाया है और एक दूसरे के व्यवसायों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। कहीं न कहीं इसका असर विश्व अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है।

विश्व से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर ..