scriptचीन में कोरोना वायरस के बाद सबसे ज्यादा लोग एड्स से संक्रमित, भारत में महाराष्ट्र नंबर एक पर | China World biggest infected country with aids india number two | Patrika News

चीन में कोरोना वायरस के बाद सबसे ज्यादा लोग एड्स से संक्रमित, भारत में महाराष्ट्र नंबर एक पर

Published: Dec 03, 2021 09:34:07 pm

Submitted by:

Ashutosh Pathak

चीन की आबादी सबसे ज्यादा है और सबसे अधिक वहां एड्स के केस हैं। आंकड़ों के मुताबिक चीन में 7 करोड़ 93 लाख लोग एड्स से संक्रमित हैं। चीन में 50 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोग ज्यादा इस जानलेवा बीमारी से संक्रमित हैं। वहीं, भारत में वर्ष 2019 तक जारी आंकड़ों के मुताबिक लगभग 23 करोड़ लोग एड्स से संक्रमित हैं। भारत में सबसे अधिक केस महाराष्ट्र में हैं।
 
 

aids.jpg
नई दिल्ली।

चीन में लोग कोरोना ही नहीं बल्कि, एड्स जैसी खतरनाक और संक्रामक बीमारी से भी जूझ रहे हैं। हालात ये हैं कि बीते चार दशक में करीब पौने चार करोड़ लोगों की मौत इस बीमारी से हो चुकी है। वहीं करीब आठ करोड़ लोग इससे संक्रमित हुए हैं। दरअसल, एड्स एक ऐसा घातक संक्रामक रोग है, जो संक्रमित व्यक्ति के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने और खून चढ़ाने आदि से होता है। पिछले चार दशकों में एड्स के कारण 3 करोड़ 63 लाख लोगों को जान गंवानी पड़ी। वहीं, इस दौरान 7 करोड़ 93 लाख लोग एचआईवी संक्रमित हुए। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों में इस रोग के प्रति लोगों में जागरुकता बढ़ी है। बावजूद इसके इस पर नियंत्रण करना पूरे विश्व के लिए एक चुनौती बना हुआ है।
दुनिया की सबसे बड़ी आबादी वाले देश चीन की बात करें तो एड्स की रोकथाम चुनौतीपूर्ण होने के बावजूद स्थिर बनी हुई है। चीन में आंकड़ों पर गौर करें तो वहां वर्ष 2020 के अंत तक करीब 10 लाख लोग एचआईवी संक्रमित थे। वहीं, इस बीमारी से होने वाली मौतों की संख्या 3 लाख 51 हजार था। चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन द्वारा स्थापित मंच चाइना सीडीसी ने एड्स को लेकर उक्त आंकड़े जारी किए हैं।
यह भी पढ़ें

ओमिक्रान ने दी 30 देशों में दस्तक, श्रीलंका और दक्षिण कोरिया में भी सामने आए केस

रिपोर्ट के अनुसार, चीन में 50 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में एचआईवी संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है, जो चिंताजनक है। जहां वर्ष 2011 में इस आयु वर्ग के 22 प्रतिशत लोगों को एड्स था, जबकि 2020 में यह अनुपात बढ़कर 44 प्रतिशत हो गया।
जानकार मानते हैं कि चीन में इस रोग को लेकर जागरुकता तो बढ़ रही है, लेकिन अभी भी इसके संक्रमण को रोकने के लिए बहुत कुछ करना होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि एड्स के संचरण की रोकथाम के लिए व्यापक उपाय करने की आवश्यकता है। साथ ही उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए प्रारंभिक हस्तक्षेप विधियों का सहारा लेने पर भी जोर दिया गया है।
वहीं, पड़ोसी देश भारत में भी एड्स के संक्रमण का खतरा लगातार बढ़ रहा है। नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (नाको) की रिपोर्ट के मुताबिक 2019 तक इंडिया में 23 लाख 49 हजार लोग एचआईवी/एड्स से संक्रमित पाए गए थे। महाराष्ट्र में एड्स पीड़ितों की संख्या सबसे ज्यादा है।
यह भी पढ़ें

ओमिक्रान की दस्तक के बाद अमरीका में बढ़े कोविड के केस, बिडेन ने जारी की नई गाइडलाइंस

बता दें कि हमारे समाज में अब भी एड्स रोगियों को भेदभाव का सामना करना पड़ता है। कई मौकों पर देखा गया है कि लोग उन्हें अछूत समझने लगते हैं। जबकि इस रोग का छूने, बात करने व अन्य बाहरी स्पर्श के कोई संबंध नहीं है। यही कारण है कि इस बार 1 दिसंबर के एड्स दिवस की थीम थी, ‘असमानताओं को समाप्त करें, एड्स का अंत करें’। उम्मीद की जानी चाहिए कि एड्स रोगियों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाएगा और संक्रमण रोकने के उपायों पर ध्यान दिया जाएगा।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो