
नई दिल्ली। अफगानिस्तान ( Afghanistan ) पर 20 साल बाद आखिरकार बंदूक और हिंसा के बल पर तालिबान ( Taliban ) ने कब्जा कर लिया है। अफगान पर कब्जे के बाद भी तालिबानी लड़ाके भले ही जमकर जश्न मना रहे हैं, लेकिन अब उनका ये जश्न मायूसी में बदलने वाला है। दरअसल अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद भी तालिबान कंगाल ही रहने वाला है।
अमरीका की ओर से 706 अरब रुपये की संपत्ति फ्रीज करने के बाद अब आतंकी संगठन तालिबान को एक और बड़ा झटका लगा है। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF ) यानी आईएमएफ ने तालिबानियों पर अफगानिस्तान के संसाधनों के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ( IMF ) ने 460 मिलियन अमरीकी डॉलर यानी करीब 3416.43 करोड़ रुपए के आपातकालीन रिजर्व तक अफगानिस्तान की पहुंच को ब्लॉक करने की घोषणा की है।
देश पर तालिबान के नियंत्रण ने अफगानिस्तान के भविष्य के लिए अनिश्चितता पैदा हो गई हैं। यही वजह है कि IMF ने ये निर्णय लिया है।
IMF ने कहा कि तालिबान के कब्जे वाला अफगानिस्तान अब आईएमएफ के संसाधनों का उपयोग नहीं कर पाएगा। न ही उसे किसी तरह की नई मदद मिलेगी।
अमरीका ने भी दिया झटका
आईएमएफ से पहले अमरीका राष्ट्रपति जो बिडेन ने तालिबान को बड़ा झटका दिया। अमरीका ने अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक की करीब 9.5 अरब डॉलर यानी 706 अरब रुपए से ज्यादा की संपत्ति फ्रीज कर दी।
कैश सप्लाई भी रोकी
इतना ही नहीं देश के पैसे तालिबान के हाथ न चले जाएं, इसके लिए अमरीकी ने फिलहाल अफगानिस्तान को कैश की सप्लाई भी रोक दी है।
अमरीका में अफगान सरकार के सेंट्रल बैंक की कोई भी संपत्ति तालिबान के लिए उपलब्ध नहीं होगी और यह संपत्ति ट्रेजरी डिपार्टमेंट की प्रतिबंधित सूची में बनी रहेगी।
बता दें कि तालिबान पर दबाव बनाने के लिए बिडेन प्रशासन की ओर से और भी एक्शन लेने पर विचार किया जा रहा है। वहीं तालिबान पर आईएमएफ प्रतिबंध के बाद अब वह किसी भी फंड का इस्तेमाल नहीं कर पाएगा। ऐसे में नए देश को चलाने में तालिबान के सामने चुनौतियां काफी बढ़ने वाली हैं।
Published on:
19 Aug 2021 09:44 am
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