11 व 12 को सम्मेलन
दरअसल, भारत—आसियान शिखर सम्मेलन (एआईसीएस) दिल्ली 11 से 12 दिसंबर को आयोजित किया जाएगा। इस शिखर सम्मेलन में भारत के साथ ही आसियान देशों के सीनियर मिनिस्टर्स भाग लेंगे। जानकारी के मुताबिक इस मुताबिक भारत और आसियान देशों के बीच में कई महत्वपूर्ण समझौतों और रणनीतियों पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। भारत और दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच आर्थिक और औद्योगिक संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी। कूटनीतिज्ञों की मानें तो भारत का यह प्रयास चीन और पाकिस्तान को हाशिये पर लाने के लिए किया जा रहा है। बता दें कि सम्मेलन में सभी 10 आसियान देशों के अलावा जापान भी भाग लेगा।
ओबोर के जवाब में भारत की पहल
जानकारों की मानें तो भारत की ओर से यह सम्मेलन चीन के ओबोर प्रोजेक्ट के तोड़ का हल निकालने के रूप में किया जा रहा है। बता दें कि ओबोर प्रोजेक्ट के माध्यम से चीन पाकिस्तान के सीपीईसी के माध्यम से मध्य एशिया और फिर यूरोप तक जाने की योजना बना रहा है। वहीं दूसरी ओर से चीन का यह प्रोजेक्ट जिन—जिन देशों से होकर गुजर रहा है, वहीं चीन भारी मात्रा में निवेश कर या कर्ज देकर अपना दबदबा बढ़ाता जा रहा है। यही कारण है कि भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका, नेपाल, म्यांमार व बांग्लादेश चीन के भारी दबाव में आ चुके हैं, जो भारत के लिए चिंता का कारण बनता जा रहा है।
ये हैं आसियान देश
वियतनाम,सिंगापुर, म्यांमार, कंबोडिया, लाओस और ब्रूनेई, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलयेशिया, फिलीपींस