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म्यांमार में आंग सान सू की को जेल पर संयुक्त राष्ट्र ने जताई चिंता, सेना से कहा- सबको रिहा करो

76 वर्षीय पूर्व स्टेट काउंसलर सू ची पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने जैसे कुल 11 आरोप हैं। तख्तापलट का मंचन नवंबर 2020 के आम चुनावों में सेना द्वारा कथित रूप से बड़े पैमाने पर मतदान धोखाधड़ी के बाद किया गया था, जिसमें एनएलडी ने संसद के दोनों सदनों में अधिकांश सीटों पर जीत हासिल की थी।

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Ashutosh Pathak

Dec 09, 2021

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नई दिल्ली।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने म्यांमार की अपदस्थ नेता आंग सान सू की सजा पर चिंता व्यक्त की है। उनको 1 फरवरी के सैन्य तख्तापलट के दौरान अपदस्थ कर दिया गया था, साथ ही, राष्ट्रपति विन मिंट को भी पद से हटाने के बाद सजा सुनाई गई है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, एक बयान में सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने सैन्य अधिग्रहण के बाद से मनमाने ढंग से हिरासत में लिए गए सभी लोगों की रिहाई के लिए अपनी मांग दोहराई। सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने एक बार फिर म्यांमार में लोकतांत्रिक परिवर्तन के लिए अपने निरंतर समर्थन पर जोर दिया और लोकतांत्रिक संस्थानों और प्रक्रियाओं को बनाए रखने, हिंसा से दूर रहने, रचनात्मक बातचीत और लोगों की इच्छा और हितों के अनुसार सुलह करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

म्यांमार, मानवाधिकारों और मौलिक स्वतंत्रता का पूरी तरह से सम्मान करता है और कानून के शासन को बनाए रखता है। परिषद के सदस्यों ने म्यांमार की संप्रभुता, राजनीतिक स्वतंत्रता, क्षेत्रीय अखंडता और एकता के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता दोहराई।

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दो अपदस्थ नेताओं को सोमवार को शुरू में चार साल जेल की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बाद में दो-दो साल की सजा सुनाई गई। उन्हें प्राकृतिक आपदा प्रबंधन कानून के तहत "असंतोष भड़काने और कोविड के नियमों को तोड़ने" के आरोप में दोषी पाया गया।

चुनी हुई सरकार का पांच साल का कार्यकाल मार्च 2021 में समाप्त होने की उम्मीद थी। सैन्य अधिग्रहण के बाद अन्य एनएलडी अधिकारियों के साथ सू की और विन मिंट को हिरासत में लिए जाने के बाद और आपातकाल की घोषणा के बाद म्यांमार की तमाम शक्ति को रक्षा सेवाओं के कमांडर-इन-चीफ मिन आंग हलिंग को स्थानांतरित कर दिया गया था।

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76 वर्षीय पूर्व स्टेट काउंसलर सू ची पर आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने जैसे कुल 11 आरोप हैं। तख्तापलट का मंचन नवंबर 2020 के आम चुनावों में सेना द्वारा कथित रूप से बड़े पैमाने पर मतदान धोखाधड़ी के बाद किया गया था, जिसमें एनएलडी ने संसद के दोनों सदनों में अधिकांश सीटों पर जीत हासिल की थी।

तख्तापलट नवंबर 2020 के आम चुनावों में सेना द्वारा कथित रूप से बड़े पैमाने पर मतदान संबंधी धोखाधड़ी के बाद किया गया था, जिसमें एनएलडी ने संसद के दोनों सदनों में अधिकांश सीटों पर जीत हासिल की थी। पार्टी ने 2015 के आम चुनावों में भी पूर्ण बहुमत हासिल किया और 2016 से सरकार चला रही थी।

अधिकार समूहों के अनुसार, अधिग्रहण ने व्यापक प्रदर्शन शुरू कर दिए और म्यांमार की सेना ने लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों, कार्यकतार्ओं और पत्रकारों पर कार्रवाई की थी। निगरानी समूह असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स के अनुसार, सू ची उन 10,600 से अधिक लोगों में से एक हैं जिन्हें फरवरी से जून्टा द्वारा गिरफ्तार किया गया है। प्रदर्शनों में कम से कम 1,303 अन्य लोगों की मौत हुई है।