पाकिस्तान में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोक शुरू हो गई है
पाक को डर है कि सिंध प्रांत के क्षेत्रों में सरकार विरोधी लहर न बन जाए
नई दिल्ली। कश्मीर के लिए परेशान पाकिस्तान अब कराची की चिंता करने लगा हैं। सिंध प्रांत की राजधानी कराची के संसाधनों पर नियंत्रण पाने के लिए इमरान सरकार ने अनुच्छेद 149(4) लागू करने की योजना बनाई है। इसका पाक की विपक्षी पार्टियों से लेकर बुद्धिजीवि भी विरोध कर रहे हैं।
हाल ही में दिए गए एक साक्षात्कार में कानून मंत्री नसीम ने कहा था कि 14 सितंबर को अपने दौरे में प्रधानमंत्री इमरान ख़ान कराची को संघीय सरकार के नियंत्रण में लाने की घोषणा कर सकते हैं। इसके बाद से पाकिस्तान में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोक शुरू हो गई है। गौरतलब है कि कश्मीर में 370 हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान पीओके पर कब्जा हो जाने के डर से परेशान है। वह सिंध की राजधानी कराची को सुरक्षित रखना चाहता है।
केंद्रीय कानून मंत्री डॉ फरोग नसीम ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि कराची को केंद्र सरकार के अधीन करने के लिए अनुच्छेद 149 (4) को लागू करने का सही वक्त आ गया है। उन्होंने कहा कि वो जल्द ही इस योजना को कराची स्ट्रैटिजिक कमिटी के सामने पेश करेंगे। उन्होंने कहा कि अगर उनके विचार से कमिटी सहमत होगी तो इस प्रस्ताव को पीएम और कैबिनेट के सामने रखा जाएगा। इसके बाद ये उनकी मर्ज़ी पर निर्भर करता है कि वो कराची में धारा लागू करते हैं या नहीं।
सिंधी असोसिएशन ऑफ नॉरक्थ अमरीका (साना) ने नसीम के बायन की निंदा की है और उन्हें मंत्री पद से हटाए जाने की मांग की है। साना की एक्जीक्यूटिव कमिटी ने अपने बयान में कहा है कि कराची हमारी ऐतिहासिक मातृभूमि सिंध का दिल और आत्मा है। एक राष्ट्र के रूप में हम अपनी राजधानी पर किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेंगे। दरअसल पाक को डर है कि सिंध प्रांत के क्षेत्रों में सरकार विरोधी लहर न बन जाए। यहां से थोड़ी दूरी पर बालूचिस्तान और गिलगिस्तान है। जहां की जनता भारत का पक्ष लेती है।
इमरान के खिलाफ पाक रेल मंत्री, नवाज शरीफ को जेल में मुकेश के गानों की कैसेट देने की कही बातक्या है अनुच्छेद 149 (4) पाकिस्तान के संविधान के धारा 149 (4) के अनुसार, देश के आर्थिक हितों या शांति के लिए पैदा हुए किसी भी गंभीर खतरे से निपटने के लिए केंद्र सरकार किसी प्रांत की शासन प्रणाली को अपने हाथ में ले सकता है। इसकी मदद से शांति और आर्थिक हालात के लिए गंभीर खतरे निपटने के लिए केंद्र प्रांतीय सरकार को दिशा निर्देश जारी कर सकता है।