हंगरी: बेघर लोगों के सड़क पर रात बिताने पर सरकार ने लगाई रोक खबरों के अनुसार- बीजिंग में वायु गुणवत्ता सूचकांक 213 तक पहुंच गया है, जिसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने ‘अत्यंत अस्वास्थ्यकर’ की श्रेणी में बताया है। बता दें, बीजिंग में दो करोड़ दस लाख से अधिक लोग रहते हैं। यहां हर साल लोगों को वायु प्रदूषण की समस्या का सामना करना पड़ता है।
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हाल के वर्षों में सरकार की ओर से शुरू किए गए उपायों के बाद से प्रदूषण में कुछ हद तक गिरावट आई है। साल 2015 से किए गए इन उपायों में कोयले का सीमित इस्तेमाल और प्रदूषण उद्योगों को क्षेत्र से बाहर स्थानांतरित करना शामिल है।
चीन कई साल से धुंध के खिलाफ संघर्ष रहा है। कई इलाकों में हालात इतने बुरे हैं कि सरकार ने अपने नागरिकों से जबरदस्त प्रदूषण के दिनों में खुद को बचाने के लिए मास्क और वायु शोधक (एयर प्यूरीफायर) खरीदने तक को कहा है।
पेरिस जलवायु समझौते से बाहर आने के बाद बोले ट्रंप- जलवायु परिवर्तन अफवाह नहीं काम करती है चार-स्तरीय चेतावनी प्रणाली बीजिंग में प्रदूषण के बारे में चार-स्तरीय चेतावनी प्रणाली मौजूद है। इसमें उच्चतम चेतावनी लाल है। इसके बाद नारंगी, फिर पीली और अंत में नीली चेतावनी होती है। नारंगी चेतावनी का मतलब है कि वायु गुणवत्ता सूचकांक के लगातार तीन दिनों के लिए 200 से अधिक होने का अनुमान है। हाई अलर्ट के दौरान, भारी प्रदूषक वाहनों और कचरे वाले ट्रकों के संचालन पर रोक लगा दी जाती है। कुछ निर्माण फर्मों की ओर से भी काम रोक दिया जाता है।
बीजिंग और चीन के उत्तरी हिस्से में भारी प्रदूषण और ऑटोमोबाइल के उत्सर्जन की वजह से प्रदूषण के कारणों पर कई अध्ययन किए गए हैं। अब विशेषज्ञों ने शहर में खराब वायु गुणवत्ता के लिए अस्थिर अथवा वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (वीओसी) को जिम्मेदार बताया है।
जानकारों के अनुसार- वीओसी कार्बन आधारित रसायनों का एक समूह है, जो कमरे के तापमान पर आसानी से वाष्पित हो जाता है। पेंट और सफाई करने वाले उत्पादों और कई आम घरेलू सामग्रियों और उत्पादों से भी वीओसी निकलता है। एक मीडिया रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से कहा है कि वीओसी यौगिकों में पीएम 2.5 का स्तर 12 प्रतिशत है।