
इन दो भारतवंशियों ने किम और ट्रंप के बीच मुलाकात में निभाई अहम भूमिका
सिंगापुर। उत्तर कोरिया के तानाशाह शासक किम जोंग उन और अमरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच 12 जून को होनने वाली ऐतिहासिक बैठक पर दुनिया भर की नजरें टिकी हुई हैं। लेकिन इन दोनों नेताओं के बीच होने वाले इस अहम मुलाकात को अंतिम दौर तक ले जाने में दो भारतवंशियों ने अहम भूमिका निभाई है। सिंगापुर में भारतीय मूल के दो मंत्री विवियन बालकृष्णन और के शानमुगम इस बैठक को सुगम बनाने के लिए अहम भूमिका निभा रहे हैं।
सत्तारूढ़ दल के हैं दोनों भारतवंशी नेता
आपको बता दें कि सिंगापुर के विदेशमंत्री बालकृष्णन ने हाल के दिनों में वाशिंगटन, प्योंगयांग और बीजिंग की कई महत्वपूर्ण यात्राएं की हैं। ऐसा बताया जा रहा कि बालकृष्णन ने दोनों नेताओं के बीच ऐतिहासिक मुलाकात के लिए कोई व्यवधान न हो इसके लिए पूरी तरह से तैयारी की, क्योंकि उनके देश सिंगापुर में यह अहम बैठक होगी। बता दें कि 57 वर्षीय सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी से हैं और उन्होंने मेडिसिन की पढ़ाई की है। दूसरी तरफ शानमुगम सिंगापुर के कानून एवं गृह मामलों के मंत्री हैं। शानमुगम ने इस बात की जिम्मेदारी ली है कि ट्रंप और किम के बीच बैठक सुरक्षा के दृष्टिकोण से बगैर किसी व्यवधान के हो। बता दें कि 59 वर्षीय शानमुगम पेशे से वकील हैं और सत्तारूढ़ दल पीपुल्स एक्शन पार्टी से हैं।
अमरीका और उत्तर कोरिया के साथ सिंगापुर के हैं बेहतर राजनयिक संबंध
आपको बता दें कि सिंगापुर उन कुछ देशों में शामिल हैं जिसके अमरीका और उत्तर कोरिया दोनों देशों के साथ बेहतर राजनयिक संबंध हैं। बता दें कि इससे पहले जब किम सिंगापुर पहुंचे तो बालकृष्णन ने चांग हवाईअड्डे पर उनकी आगवानी की। उन्होंने कहा कि यह बैठक 70 साल के संदेह, युद्ध और कूटनीतिक नाकामियों के बाद हो रही है। आगे उन्होंने कहा कि दशकों का तनाव एक बैठक में दूर नहीं हो सकता है। लेकिन दोनों पक्षों के कर्मचारियों से बातचीत और उनकी व्यक्तिगत मुलाकातों के आधार पर दोनों ही नेता बहुत आश्वस्त और आशावादी हैं। बालकृष्णन ने कहा कि सिंगापुर दोनों नेताओं के बीच होने वाले मुलाकात पर खर्च उठा रही है।
Published on:
11 Jun 2018 10:03 pm
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