
शी जिनपिंग की अमरीका का चेतावनी, हम जमीन का एक इंच भी नहीं छोड़ेंगे
बीजिंग: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अमरीका के रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस से कहा कि बीजिंग शांति को लेकर प्रतिबद्ध है लेकिन वह प्रशांत महासागर में एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेगा। एक चीनी न्यूज चैनल शी के हवाले से बताया कि जब बात चीन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की होती है तो हमारा रुख दृढ़ और स्पष्ट होता है।
एक इंच जमीन नहीं देंगे: शी
शी ने कहा कि हम हमारे पूर्वजों द्वारा छोड़ी गई जमीन का एक इंच भी नहीं छोड़ सकते। उन्होंने यह भी कहा कि प्रशांत क्षेत्र में दक्षिण चीन सागर पर असहमतियों के बावजूद लंबे समय से यह सभी को पता है कि सैन्य मामलों के विशेषज्ञ मुद्दों को हल करने के लिए सैन्य साधनों का उपयोग नहीं करना चाहते।
पहली बार मिले शी- मैटिस
मैटिस ने कहा कि बुधवार को शी और अन्य अधिकारियों के साथ उनकी वार्ता बहुत, बहुत अच्छी रही और अमेरिका चीन के साथ सैन्य संबंधों को बहुत महत्व दे रहा है। शी जिनपिंग और मैटिस की यह मुलाकात चीन और अमेरिका के बीच बढ़े व्यापार तनाव के बीच हुई। 2014 के बाद किसी अमरीकी रक्षा मंत्री का यह पहला दौरा था। यह बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की उत्तरी कोरियाई नेता किम जोंग उन के साथ मुलाकात के एक सप्ताह के भीतर हुआ। हाल में मैटिस ने चीनी सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि बीजिंग विवादित समुद्र क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को नजरअंदाज करता है तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
अमरीका ने चीन को दी थी चेतावनी
अमरीकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस ने हाल ही में चीनी सरकार को चेतावनी दी थी कि यदि बीजिंग विवादित समुद्र क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को नजरअंदाज करता है तो उसे इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने कहा कि दक्षिण चीन सागर में पड़ोसियों को धमकाने और उनपर दबाव बनाने के लिए चीन मिसाइलों की तैनाती कर रहा है। उन्होंने कहा कि वाशिंगटन इस क्षेत्र में अपनी भूमिका निभाने में कोई लापरवाही नहीं करना चाहता है। सिंगापुर में शांग्रीला वार्ता के दौरान अपने संबोधन में मैटिस ने कहा कि कोई भूल मत कीजिए। अमरीका हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मौजूद है। यह हमारी प्राथमिकता है।
दुनिया का सबसे व्यस्त समुद्री मार्गो में शुमार
अमरीकी रक्षा मंत्री ने दुनिया के सबसे व्यस्त समुद्री मार्गो में शुमार दक्षिण चीन सागर के कृत्रिम द्वीपों में बीजिंग को सैन्य गतिविधि बंद करने को कहा। उन्होंने कहा कि हमें मालूम है कि चीन को आने वाले वर्षो में भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। चीन अगर इस क्षेत्र में लंबी अवधि के लिए शांति और समृद्धि चाहता है तो हम उसे मदद करने को तैयार हैं।
Published on:
28 Jun 2018 01:03 pm
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