गौरतलब है कि पिछले दिनों पुलिस ने उससे 10 घंटे तक पूछताछ की और उसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया। पुलिस नाइक के मलेशिया के अल्पसंख्यकों के खिलाफ दिए बयान की जांच कर रही है। यह दूसरी बार है जब मलेशियाई अधिकारियों ने जाकिर नाइक को हिंदुओं एवं चीनियों के खिलाफ कथित नस्ली टिप्पणी करने के मामले में तलब किया है।
इस मामले में प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने जाकिर नाइक को पहले ही चेतावनी दे चुके हैं कि उसे मलेशिया में राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत नहीं है। प्रशासन ने कड़ाई बरतते हुए नाइक से पूछताछ के आदेश दिए। उसे बुकित अमन स्थित रॉयल मलेशिया पुलिस मुख्यालय बुलाया गया है। यहां उसका बयान दर्ज किया जाना है।
जाकिर नाइक पर कसा शिकंजा, मलेशियाई सरकार ने पूछताछ के लिए बुलाया
भारत में कई सालों से हो रही तलाश
भारतीय अधिकारी भी 2016 से ही अपने भाषणों से चरमपंथ भड़काने के मामलों में नाइक की तलाश कर रहे हैं। नाइक मुस्लिम बहुल मलेशिया का स्थायी निवासी है। नाइक पर मलेशियाई हिंदुओं एवं मलेशियाई चीनियों के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने का आरोप है। यहां की विपक्षी पार्टियां सरकार से उसे वापस भारत भेजने आवाज उठा रहीं हैं। उससे स्थायी निवासी का दर्जा वापस लेने की मांग की जारी है। बीते दिनों जाकिर नाइक ने कहा था कि मलेशिया में रहने वाले हिंदू मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद से ज्यादा नरेंद्र मोदी के प्रति वफादार हैं। इस बयान को लेकर जाकिर के खिलाफ कई शिकायतें दर्ज कराई जा चुकी हैं।
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