
budh grah jyotish mahatv: बुध ग्रह ज्योतिष महत्व
Jyotish Me Budh Grah (ज्योतिष में बुध ग्रह): ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को तटस्थ ग्रह और ग्रहों का राजकुमार माना जाता है। जबकि पौराणिक आख्यानों में इन्हें चंद्रमा और तारा का पुत्र बताया गया है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध वाणी के कारक हैं और इसे कन्या और मिथुन राशियों पर स्वामित्व प्राप्त है। कन्या इसकी उच्च राशि और मीन नीच राशि मानी जाती है।
बुध उत्तर दिशा का प्रतिनिधित्व करता है। ये जातक की कुंडली में बुध की स्थिति, भाव, प्रभाव और ग्रहों की संगति के अनुसार शुभ अशुभ फल देता है। जिस जातक की कुंडली में बुध कमजोर हो तो वह संकोची हो जाता है। अपनी बात रखने में उसे परेशानी होती है। इसके साथ ही वह जातक अपने वाणी पर नियंत्रण नहीं रख पाता वाणी के कारण उनके कार्य बिगड़ जाते हैं।
वहीं, बुध अनुकूल रहने पर जातक तीक्ष्ण बुद्धि और तर्क शक्ति वाला होता है। उसका व्यक्तित्व प्रभावशाली और लोगों को आकर्षित करने वाला है। ऐसे व्यक्ति को कारोबार, नौकरी में उन्नति मिलती है और घर परिवार में उसका जीवन सुख पूर्वक बीतता है।
Importance Of Mercury In Astrology: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध ग्रह शुभ ग्रहों के साथ संगति में हैं तो यह शुभ फल देता है और क्रूर ग्रहों की संगति में है तो अशुभ फल देता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 27 नक्षत्रों में बुध को अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामित्व प्राप्त है। इनमें जन्मे लोग बुध ग्रह से प्रभावित होते हैं और इनके गुण, इनकी पर्सनॉलिटी बुध ग्रह से नियंत्रित होती है। यह 13 अंश पर अस्त हो जाता है यानी प्रभावहीन हो जाता है।
बता दें कि जब कोई ग्रह सूर्य के नजदीक आ जाता है तो सूर्य के तेज से प्रभावहीन हो जाता है। इस अवस्था को ग्रह का अस्त होना कहते हैं। माना जाता है कि इस समय ग्रह का शुभ फल नहीं मिलता है।
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1. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बुध के कुंडली में शुभ रहने पर उत्तम स्वास्थ्य, वाणी में मधुरता और ज्ञान प्रदान करता है। इससे व्यक्ति के संवाद कौशल में सुधार आता है। वह व्यक्ति अपनी बातों से दूसरों को आसानी से प्रभावित कर लेता है। ऐसा व्यक्ति एक समय पर कई काम करने में समर्थ होता है।
2. बुध के कुंडली में अनुकूल या उच्च राशि में होने पर व्यक्ति अपने विचारों को अच्छे से व्यक्त कर पाता है। उसकी वाणी में प्रभावशीलता बढ़ती है। बुध ग्रह व्यक्ति को बुद्धिमान, सरल और विश्लेष्णात्मक बनाता है। शुभ स्थिति में बैठा बुध व्यक्ति को ज्ञानी और तर्कशास्त्री बनाता है। ऐसा व्यक्ति राजनीति के क्षेत्र में सफलता पाता है। वाद-विवाद और तर्क में इसे कोई परास्त नहीं कर पाता है। ये सब कुछ सीखने में तत्पर रहता है।
3. इसके अलावा अगर बुध पीड़ित हो तो जातक उन्मत्त हो जाता है। वह चतुर और चालाक बनता है। ये जुआरी, झूठा, धोखेबाज और दिखावा करने वाला हो सकता है। ऐसा व्यक्ति दूसरों से किया वादा बड़ी आसानी से भूल जाता है। जिसकी कुंडली में बुध पीड़ित है या अशुभ अवस्था में उस व्यक्ति का मूड भी बार-बार बदलता रहता है।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार अगर किसी ग्रह को प्रसन्न करना चाह रहे हैं या उसके दुष्प्रभावों को कम करने की इच्छा है तो उस ग्रह से संबंधित रंग का अधिक प्रयोग करना चाहिए। बुध ग्रह का रंग हरा है, इस ग्रह के दुष्प्रभावों से मुक्ति के लिए बुधवार के दिन हरे रंग के कपड़े पहनने चाहिए। वहीं बुध का अंक 05 है। यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध की महादशा चल रही है तो उसे बुधवार के दिन अच्छे फल मिलते हैं।
1.बुध ग्रह के आराध्य देवता भगवान विष्णु हैं और ईष्ट गणेशजी हैं। अगर आपको बुध के अशुभ प्रभाव मिल रहे हैं तो सुबह के समय भगवान विष्णु की पूजा करें। श्री विष्णुसहस्त्रनाम का पाठ करें और गणपति का ध्यान करें।
2. बुध की महादशा के दौरान बुध की होरा और नक्षत्र में अभिमंत्रित बुध यंत्र को धारण करें या घर में स्थापित कर पूजा करें।
3. बुध ग्रह की कृपा पाने या इसके नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए विधारा की जड़ पहन सकते हैं। यह जड़ पहनने का समय बुधवार के दिन बुध का होरा और बुध के तीनों नक्षत्र हैं। इसके अलावा बुध शांति के लिए चार मुखी और दस मुखी रूद्राक्ष धारण करना भी शुभ फल देने वाला होता है।
4. बुध ग्रह को शांत करने के लिए हरी घास, साबुत मूंग, पालक, नीले रंग के फूल, हरे रंग के वस्त्रों, कांस्य के बर्तन और हाथी के दांतों से बनी चीजों का दान करना भी शुभ फलदायक होता है। बुध से संबंधित दान बुधवार के दिन बुध के होरा और इसके नक्षत्रों में करना चाहिए।
5. लाल किताब के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध कमजोर है तो उसे पन्ना रत्न पहनना चाहिए (हालांकि किसी ज्योतिषी को कुंडली दिखाकर इस पर अमल करें)। यदि किसी कारणवश आप पन्ना स्टोन नहीं पहन सकते हैं तो इसकी जगह विधारा मूल को धारण कर सकते हैं। बुध ग्रह की शांति के लिए चार मुखी रूद्राक्ष भी पहना जाता है।
6. लाल किताब के अन्य उपाय के अनुसार रात को मूंग दाल भिगोकर रखें और सुबह इसे जानवरों को खिला दें। किसी मंदिर या धार्मिक स्थल पर चावल और दूध का दान करें।
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Updated on:
03 Dec 2024 07:35 pm
Published on:
03 Dec 2024 03:56 pm
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