
भोपाल। सनातन धर्म में दान का विशेष महत्व है। दान कई तरह के होते हैं। हम यहां आपको बताने जा रहे हैं सूर्य को प्रसन्न करने वाला दान। इसे विधि-विधान से करने से जातक को कई जन्मों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। यह दान है आदित्य मंडल का दान। यही वो दान है जिसे करने से आप पर सूर्य की कृपा बरसेगी और आप राजयोग का सुख पाएंगे। कुंडली के कई तरह के दोष समाप्त हो जाएंगे। जीवन में किसी तरह की मुश्किलों या परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा।
यह है विधि
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, आदित्य मंडल दान की विधि भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को बताई थी। इस विधि के अनुसार, सबसे पहले जौ में गुड़ मिलाकर गाय के घी में सूर्य मंडल के आकार का पुआ बनाया जाता है। इसके बाद भगवान सूर्य की पूजा की जाती है। उनके आगे लाल चंदन का मंडप अंकित किया जाता है। इसी मंडप के ऊपर उस सूर्य मंडल को रखा जाता है।
ऐसे करें दान
पूजा आदि करने के बाद किसी ब्राह्मण को बुलाना चाहिए। इसके बाद उन्हें लाल वस्त्र, दक्षिणा और उस सूर्य मंडल को दान कर देना चाहिए। दान करते समय एक मंत्र का उच्चारण करना जरूरी है। इस मंत्र के साथ दान करने से पुण्य का प्राप्ति होती है।
इस मंत्र का करें उच्चारण
आदित्यतेजसोत्पन्नं राजतं विधिनिर्मितम
श्रेयसे मम विप्र त्वं प्रतिगृहेणदमुत्तमम।
जानें इस दान का महत्व
सूर्य भगवान को प्रसन्न करने के लिए यह दान काफी महत्वपूर्ण माना गया है। इस दान से भगवान सूर्य प्रसन्न होते हैं और आप पर अपनी कृपा बनाए रखते हैं। भगवान सूर्य की कृपा से दान करने वाले के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। फिर बनता है राजयोग और वह राजा की तरह जिंदगी जीने लगता है। वैसे तो यह दान रोज किया जा सकता है। लेकिन विजय सप्तमी के दिन इस दान का विशेष महत्व माना गया है।
Published on:
22 Dec 2022 01:05 pm
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