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बजरंग बली का स्मरण कर आज करें शुभ काम, ये हैं श्रेष्ठ मुहूर्त

9 फरवरी 2016 मंगलवार को है। इस दिन शुभ वि.सं.: 2072, संवत्सर नाम: कीलक, अयन: उत्तर, शाके: 1937, हिजरी: 1437, ऋतु: शिशिर, मास: माघ, पक्ष: शुक्ल है। 

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कोटा

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Rajeev sharma

Feb 08, 2016

hanuman

hanuman

9 फरवरी 2016 मंगलवार को है। इस दिन शुभ वि.सं.: 2072, संवत्सर नाम: कीलक, अयन: उत्तर, शाके: 1937, हिजरी: 1437, मु. मास: रवि-उलसानी-29, ऋतु: शिशिर, मास: माघ, पक्ष: शुक्ल है।

शुभ तिथि
प्रतिपदा नन्दा संज्ञक तिथि सायं 5.37 तक, तदुपरान्त द्वितीया भद्रा संज्ञक तिथि प्रारम्भ हो जाएगी। शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा में शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित हैं। पर देवी कार्य व नवरात्र के लिए शुक्ल प्रतिपदा को शुभ माना गया है, इसलिए मंगलवार से गुप्त नवरात्र भी प्रारम्भ हो जाएंगे।

द्वितीया तिथि में समस्त शुभ व मांगलिक कार्य, विवाह, जनेऊ, गीत-संगीत, नृत्य, कलारम्भ, प्रतिष्ठा, वास्तु व अलंकारादिक कार्य शुभ होते हैं। प्रतिपदा तिथि में जन्मे जातक का स्वास्थ्य प्राय: ठीक नहीं रहता। अत: इनके स्वस्थ व दीर्घ आयु के लिए अनुष्ठानादि करवा देना हितकर है। वैसे सुन्दर व ऐश्वर्यवान होते हैं।

नक्षत्र
धनिष्ठा नक्षत्र अपराह्न 3.16 तक व इसके बाद शतभिषा नक्षत्र रहेगा। धनिष्ठा नक्षत्र में मुण्डन, जनेऊ, वास्तु, युद्ध, यात्रा, सवारी, बाग-बगीचा, देव-प्रतिष्ठा आदि कार्य तथा इसी प्रकार शतभिषा नक्षत्र में भी उपरोक्त वर्णित कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं।

धनिष्ठा नक्षत्र में जन्मा जातक सामान्य: धनी, नेकनाम, साहसी, परोपकारी, जवाहरात पहनने का शौकीन, राग विद्या में रुचि रखने वाला, उदार, ऐश्वर्यसम्पन्न व समाज में सम्मानित होता है। इनके 15-23 व 29वां वर्ष प्राय: शुभ नहीं होते।


योग
वरियान नामक नैसर्गिक शुभ योग पूर्वाह्न 11.09 तक, इसके बाद परिघ नामक नैसर्गिक अशुभ योग रहेगा। परिघ योग की पूर्वाद्र्ध घटियां शुभ कार्यों में त्याज्य हैं।

करण
बव नामकरण सायं 5.37 तक, इसके बाद बालवादि करण रहेंगे।

चंद्रमा
सम्पूर्ण दिवारात्रि कुम्भ राशि में रहेगा।

परिवर्तन
हर्षल दोपहर बाद 2.40 पर रेवती नक्षत्र के तृतीय चरण में तथा शुक्र रात्रि 10.03 पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में प्रवेश करेगा।

व्रतोत्सव
चन्द्र दर्शन 15 मु. दक्षिण शृंगोन्नत, गुप्त नवरात्र प्रारम्भ, श्री बल्लभ जयन्ती तथा पंचक सम्पूर्ण दिवारात्रि।


शुभ मुहूर्त
उक्त शुभाशुभ समय, तिथि, वार, नक्षत्र व योगानुसार मंगलवार को विवाह अशुद्ध कात्यायनोक्त (सूर्य युति दोष) व हलप्रवहण धनिष्ठा नक्षत्र में।

वारकृत्य कार्य
मंगलवार को उग्र व अग्निविषादिक असद् कार्य, साहसिक कार्य, सन्धिविच्छेद आदि कार्य सिद्ध होते हैं।

दिशाशूल
मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। अति आवश्यकता में कुछ गुड़ खाकर शूल दिशा की अनिवार्य यात्रा पर प्रस्थान कर लेना चाहिए। चंद्र स्थिति के अनुसार पश्चिम दिशा की यात्रा लाभदायक व शुभप्रद रहेगी।