
touching the stage
हमारी संस्कृति में चरण स्पर्श करने का अपना ही महत्व है। यह आस्था व विश्वास का प्रतीक है। बड़े-बुजुर्गों को तो हम चरण स्पर्श करके ही अभिवादन करते हैं। वहीं शास्त्रों की मानें तो देवता, गुरु, माता-पिता एवं बुजुर्गों की चरण वंदना को श्रेष्ठ माना गया है। चरण स्पर्श के पीछे एक उम्मीद होती है, वह है आशीर्वाद की खुशी। हमें बड़ों से जो आशीर्वाद मिलता है, उससे हमारी जिंदगी बदल जाती है। शास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीराम नित्यप्रति सुबह उठकर सबसे पहले माता-पिता के चरणों में सिर झुकाकर आशीर्वाद प्राप्त करते थे। शास्त्रों के अनुसार पैर के अंगूठे के द्वारा भी शक्ति का संचार होता है। मनुष्य के पांव के अंगूठे में विद्युत संप्रेक्षणीय शक्ति होती है। यही कारण है कि अपने वृद्धजनों के नम्रतापूर्वक चरणस्पर्श करने से जो आशीर्वाद मिलता है, उससे व्यक्ति की उन्नति के रास्ते खुलते जाते हैं।
पुराणों में लिखा महत्त्व......
हिंदू संस्कारों में विवाह के समय कन्या के माता-पिता द्वारा इसी भाव से वर का पाद प्रक्षालन किया जाता है। कुछ विद्वानों की ऐसी मान्यता है कि शरीर में स्थित प्राण वायु के पांच स्थानों में से पैर का अंगूठा भी एक स्थान है। जैसे- तत्र प्राणो नासाग्रहन्नाभिपादांगुष्ठवृति
(1) नासिका का अग्रभाग
(2) हृदय प्रदेश
(3) नाभि स्थान
(4) पांव और
(5) पांव के अंगूठे में प्राण वायु रहती है।
चरण स्पर्श के फायदे........
- पौराणिक मान्यताओं के अनुसार किसी को चरण स्पर्श करने पर व्यक्ति के पैरों से हमारे हाथों तक ऊर्जा का संचार भी होता है।
- चरण स्पर्श व्यक्ति के मनोबल को बढ़ाता है। यदि आप किसी विशेष लक्ष्य की प्राप्ति हेतु घर से निकल रहे हैं तो चरण स्पर्श करने से उस लक्ष्य को पाने का बल मिलता है, मन को शान्ति मिलती है।
- अपने से बड़ों का आशीर्वाद सुरक्षा कवच का कार्य करता है जिससे सोच सकारात्मक हो जाती है। ये सब चीज़ें पैर छूने वाले व्यक्ति को सफलता के नज़दीक ले जाती है।
-चरण स्पर्श करने से अमुक व्यक्ति की शारीरिक कसरत भी होती है। झुककर पैर छूने, घुटने के बल बैठकर या साष्टांग दण्डवत करने से शरीर लचीला होता है।
- साथ ही आगे की ओर झुकने से सिर में रक्त का संचार बढ़ता है जो सेहत के लिए फायदेमंद है ।
Published on:
11 Nov 2020 05:56 pm
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