
भोपाल। इस बार नव वर्ष 2023 का शुभारंभ कुछ विशेष योगों और संयोगों के साथ होने जा रहा है। जिसके मुताबिक यह पूरा साल ऊर्जा से भरपूर होगा। दरअसल नव वर्ष की शुरुआत शिव, सिद्ध, सर्वार्थ सिद्धि रवि, बुधादित्य योग और अश्विनी नक्षत्र के बीच होने जा रही है। प्रयागराज के आचार्य प्रदीप पांडे के मुताबिक इन पांच शुभ महायोगों के बीच सूर्यदेव से जुड़े तीन संयोग भी बन रहे हैं। पहला संयोग यह है कि इस दिन सूर्य धनु राशि में बुध के साथ रहते हुए बुधादित्य योग बना रहा है।
दूसरा कुल 27 नक्षत्रों में अश्विनी पहला नक्षत्र है। यह अश्विनी कुमार हैं और यह सूर्य पुत्र हैं। और तीसरा संयोग यह है कि नए साल की शुरुआत रविवार के दिन से हो रही है। रविवार के अधिपति देव खुद सूर्यदेव हैं। इसका सीधा सा अर्थ है कि यह साल ऊर्जावान रहने वाला है। मार्कण्डेय पंचांग के मुताबिक 2023 में 162 सर्वार्थ सिद्धि योग, 143 रवि योग और 33 अमृत सिद्धि योगों का संयोग बनने जा रहा है। नए साल में 14 पुष्य योग (नक्षत्र) भी रहेगा। मार्च और दिसंबर में दो बार पुष्य का संयोग रहेगा।
सबसे ज्यादा सर्वार्थ सिद्धि योग जनवरी में
सबसे ज्यादा सर्वार्थ सिद्धि योग जनवरी में होंगे। इनकी संख्या 16 रहेगी। यानि 16 बार सर्वार्थ सिद्धि योग बनेगा। सबसे ज्यादा रवि योग मार्च, अप्रैल, जुलाई और दिसंबर में रहेंगे। इनकी संख्या 14 रहेगी। यानि 14-14 बार रवि योग बनने जा रहा है। सबसे ज्यादा अमृत सिद्धि योग अप्रैल में 6 बार बनेंगे।
तीन ग्रहण भारत में दिखेगा एक
नए साल 2023 में तीन ग्रहण पड़ेंगे। 20 अप्रैल को खग्रास सूर्य ग्रहण, 14 अक्टूबर को कंकण सूर्यग्रहण होगा। ये दोनों ही सूर्यग्रहण भारत में नजर नहीं आएंगे। वहीं 28-29 की दरमियान खग्रास चंद्रग्रहण होगा। यह भारत में दिखाई देगा।
इसलिए खास है नए साल का पहला दिन
आचार्य के मुताबिक इस साल 2023 एक विशेष ज्योतिषिय संयोग में बनने जा रहा है। पहले दिन यानि 1 जनवरी को नक्षत्रों के क्रम में पहला नक्षत्र अश्विनी रहेगा। राशियों के क्रम में पहली राशि मेष तथा वारों में क्रम में पहला वार रविवार रहेगा। यह 2023 को एक सुखद संयोग दे रहा है। यह स्थिति दर्शाती है कि देश दुनिया में भारत तकनीकी क्षेत्र में अपना परचम फहरा सकता है। इसके साथ ही नए साल के पहले दिन शनिदेव और गुरु बृहस्पति अपनी ही राशि में रहेंगे। यह बेहद शुभदायक है। वहीं 17 जनवरी से शनि अपनी राशि कुंभ में गोचर करेंगे। जिससे पूरे साल कुंभ राशि पर शनि की साढ़े साती का काल रहेगा।
Published on:
20 Dec 2022 05:30 pm
बड़ी खबरें
View Allट्रेंडिंग
