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Petrol Pumps: पेट्रोल पंप पर ऐसे होती है धोखाधड़ी; सावधानी हटी, दुर्घटना घटी! बचने के लिएअपनाएं ये उपाय

Petrol Pumps Fraud: यदि आपको डाउट है कि आपको फ्यूल की सही मात्रा में नहीं मिल रहा है, तो आप पेट्रोल पंप कर्मचारी से फ्यूल क्वांटिटी की जांच के लिए कह सकते हैं।

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Minister Govind Singh Rajput's instructions to inspect all petrol pumps in MP

Minister Govind Singh Rajput's instructions to inspect all petrol pumps in MP- image patrika

Petrol Pumps Fraud: भारत में पेट्रोल पंप लोगों के साथ धोखाधड़ी आम बात है। अक्सर खबरें सामने आती रहती हैं कि ग्राहकों के साथ फ्यूल भरवाते समय धोखाधड़ी हो गई है। कभी-कभी ग्राहकों से ज्यादा पैसे वसूल लिए जाते हैं तो कभी-कभी उनकी गाड़ी के फ्यूल टैंक में सही क्वांटिटी में फ्यूल नहीं डाला जाता है। कई दफा तो मिलावटी फ्यूल भी डाल दिया जाता है।

इस खबर में हम आपको कुछ जरूरी टिप्स और सुझावों के बारे में बताने वाले हैं, जिनकी मदद से पेट्रोल पंपों पर होने वाली धोखाधड़ी से बच सकते हैं।

मीटर पर जीरो का रखें ध्यान

जब भी फ्यूल डलवाने जाएं तो, इस बात का ध्यान रखें कि कर्मचारी टैंक में फ्यूल डालना शुरू करें उससे पहले मीटर चेक करें, सुनिश्चित करें कि मीटर जीरो पर हो, और कर्मचारी ने स्टार्ट करने से पहले रीसेट किया हो।

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इस बात से रहें सावधान

कर्मचारियों के लिए एक सामान्य ट्रिक यह है कि वह आपके द्वारा कही गई कीमत से ज्यादा कीमत भर देते हैं। इसे एक उदाहरण से समझते हैं, यदि ग्राहक 500 रुपये का फ्यूल डालने को कहते हैं तो वे 200 रुपये से डालना स्टार्ट कर सकते हैं और फिर मीटर को रीसेट करने का नाटक करते हैं।

इसके अलावा कर्मचारी, आपकी गाड़ी में में फ्यूल भरते समय आपका ध्यान भटका सकते हैं। जैसे आपसे एक रसीद पर साइन करने, अपने टायर के प्रेशर की जांच करने आदि के लिए कह सकते हैं।

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क्वांटिटी करें चेक

यदि आपको डाउट है कि आपको फ्यूल की सही मात्रा में नहीं मिल रहा है, तो आप पेट्रोल पंप कर्मचारी से फ्यूल क्वांटिटी की जांच के लिए कह सकते हैं।

यह एक टेस्ट है जहां कर्मचारी आपको मना नहीं कर सकता है। इस प्रक्रिया में एक कैलिब्रेटेड कंटेनर को एक खास क्वांटिटी में फ्यूल भरा जाता है। यदि कंटेनर में सही मात्रा नहीं आती है, इससे स्पष्ट है कि आपको पूरी मात्रा में फ्यूल नहीं दिया गया है।

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इस तरह से भी होता है खेल

पेट्रोल पंप पर पेट्रोल और डीजल की डेंसिटी को लेकर भी ठगी हो सकती है। ग्राहक फ्यूल मशीन में अमाउंट और वॉल्यूम के बाद लिखा देखेंगे। प्योर यानि कि शुद्ध पेट्रोल की डेंसिटी 730 से 770 kg/m3 होती है, जबकि डीजल की डेंसिटी 820 से 860 kg/m3 के बीच होती है। यहां पर बताई गई डेंसिटी को ध्यान में रखना जरूरी है।

अगर इससे कम डेंसिटी का पेट्रोल-डीजल बिक रहा है तो वह मिलावटी हो सकता है। जिसकी वजह से आपके पैसों का नुकसान तो होगा ही, साथ ही गाड़ी का इंजन भी समय से पहले खराब हो सकता है, साथ ही मिलावट ज्यादा हुई तो माइलेज भी कम होगा और इंजन पर ज्यादा दबाव भी पड़ेगा। ऐसे में आगे से फ्यूल डलवाने से पहले उसकी डेंसिटी की भी चेक करें, जिससे होने वाले नुकसान से बच जाएंगे।

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सही पेट्रोल पंप पर ही भराएं फ्यूल

कोशिश करें कि, किसी ऐसे पेट्रोल पंप पर फ्यूल डलवाने का प्रयास करें जिसे आप जानते हों और जिस पर आपको भरोसा हो। यदि कहीं नई जगह पर सफर कर रहें तो और भी ध्यान रखने की जरूरत होती है।

अच्छी तरह से प्रबंधित कर्मचारियों वाले एक प्रतिष्ठित पेट्रोल पंप पर धोखा दिए जाने की संभावनाएं उन पंपों की तुलना में कम होती हैं, जहां कर्मचारियों पर कम या कोई नियम नहीं होता है।

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