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Budget 2020 : इन वजहों से मंदी की चपेट में आया ऑटोमोबाइल सेक्टर, बजट से मिल सकती है राहत

इस मंदी के चलते जहां हज़ारों लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा वहीं ऑटोमोबाइल कंपनियों के मालिकों को भी बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है और इसी के चलते अगले महीने से शुरू होने वाले ऑटो एक्सपो 2020 में कई ऑटोमोबाइल कंपनियां शामिल नहीं होंगी।

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Budget 2020 Automobile Sector Expectations

Budget 2020 Automobile Sector Expectations

नई दिल्ली: साल 2019 भारतीय ऑटोमोबाइल सेक्टर के लिए किसी बुरे सपने की तरह साबित हुआ। ये सिलसिला साल 2020 में भी बरकरार है। दरअसल ऑटोमोबाइल सेक्टर ( Automobile Sector ) साल 2019 की शुरुआत से ही मंदी की मार झेल रहा है और ये कोई मामूली मंदी नहीं बल्कि दो दशकों की सबसे बड़ी मंदी है। इस मंदी के चलते वाहनों की बिक्री में नाटकीय रूप से भारी गिरावट दर्ज की गई है। इस मंदी के चलते जहां हज़ारों लोगों को अपनी नौकरियों से हाथ धोना पड़ा वहीं ऑटोमोबाइल कंपनियों ( Automobile Companies ) के मालिकों को भी बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है और इसी के चलते अगले महीने से शुरू होने वाले ऑटो एक्सपो 2020 में कई ऑटोमोबाइल कंपनियां शामिल नहीं होंगी।

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आज हम इस खबर में उन बड़े कारणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनकी वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर मंदी की चपेट में आया है। आज इन कारणों के बारे में हम आपको बारीकी से बताने जा रहे हैं।

नये सुरक्षा नियम : साल 2019 जुलाई महीने से भारत में वाहनों के लिए नये सुरक्षा नियम लागू हो गए हैं जिनके मुताबिक़ कारों में कुछ जरूरी सेफ्टी फीचर्स ( Safety Features ) लगाना अनिवार्य हो गया है जिन्हें पहले कारों में लगाना अनिवार्य नहीं था, लेकिन अब इन फीचर्स ( Car Safety Features ) को कारों में लगाना अनिवार्य हो गया है जिसकी वजह से कारों की कीमत में भी बढ़ोतरी हो गई है और लोग कार खरीदने से बच रहे हैं।

क्रैश टेस्ट नॉर्म्स : आपको बता दें कि नये क्रैश टेस्ट नॉर्म्स की वजह से भी कंपनियों की कारों की बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। दरअसल किसी कार को एनसीएपी क्रैश टेस्ट ( NCAP ) में अगर अच्छी रेटिंग नहीं मिलती है तो ग्राहक उस कार में रुचि नहीं दिखाते हैं जिसकी वजह से उस कार का बिकना बंद हो जाता है। ऐसे में कार कंपनियों की बिक्री में गिरावट आती है।

बीएस-6 अपडेशन : 1 अप्रैल 2020 से देश भर में बीएस-6 अपडेशन वाले वाहन ही बिकेंगे और ऐसे में कंपनियों ने साल 2019 से ही अपने प्रोडक्ट्स को बीएस-6 नॉर्म्स के हिसाब से अपडेट करना शुरू कर दिया है क्योंकि बीएस-6 नॉर्म्स वाली डेडलाइन अब नज़दीक है और ऐसे में कंपनियां किसी भी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहती हैं। इस अपडेशन की वजह से वाहनों के दाम बढ़ गए हैं और लोग सीधे बीएस-6 नॉर्म्स वाले वाहन खरीदने का इंतज़ार कर रहे हैं जो मंदी की एक बड़ी वजह है।

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यही वो प्रमुख कारण हैं जो भारत के ऑटोमोबाइल सेक्टर की मंदी के लिए ज़िम्मेदार हैं और अगर सरकार चाहती है तो budget 2020 में इन अहम बिंदुओं पर काम करके ऑटोमोबाइल सेक्टर की दशा सुधार सकती है। सबसे जरूरी बात ये है कि आखिर ग्राहकों को कैसे कम कीमत में वाहन बेचे जाएं क्योंकि वाहनों की कीमत लगातार बढ़ रही है और ऐसे में ऑटोमोबाइल सेक्टर इस दिशा में Budget 2020 से काफी उम्मीदें लेकर बैठा है।