आपकी कार नहीं है सुरक्षित
क्या हो अगर कारों के एक्सटीरियर पर भी एयरबैग का फीचर शामिल किया जाने लगे। दरअसल, जर्मन कार पार्ट बनाने वाली कंपनी जेडएफ (ZF) ने ऐसा ही एयरबैग तैयार किया है। हाईवे सेफ्टी के लिए बीमा संस्थान अपने साइड-इफ़ेक्ट क्रैश टेस्ट को सख्त करने के लिए तैयार है, टियर 1 में ZF ने बुधवार को एक दुर्घटना से पहले आग लगाने के उद्देश्य से एक बाहरी एयरबैग के प्रोटोटाइप पर प्रकाश डाला।
कंपनी ने भविष्यवाणी की है, कि ये एयरबैग साइड-इफ़ेक्ट क्रैश से चोटों को 40% और “टक्कर मारने वाले वाहन के क्षतिग्रस्त होने से 30 प्रतिशत तक की कटौती कर सकता है, और इससे कार का साइड प्रोफाइल पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होने से बच जाता है। वीडियो में दिखाया गया कि कार को फ्रंट या रियर से अगर कोई टक्कर मारता है, तो कार का एक्सटीरियर सुरक्षित रहता है, जिसकी वजह प्रत्येक टायर के पीछे मौजूद एयरबैग्स हैं। हालांकि इस तरह के एयरबैग को भारत में आने में लंबा समय लग सकता है, क्योंकि ऐसे फीचर वाहन की लागत को बढ़ाते हैं, और हम भारतीय सस्ते विकल्प की तलाश में रहते हैं।
अक्टूबर से 6 एयरबैग अनिवार्य
फिलहाल अक्टूबर 2022 से वाहनों में 6 एयरबैग अनिवार्य किए जाएंगे। जारी मसौदे के अनुसार 1 अक्टूबर, 2022 के बाद निर्मित एम 1 श्रेणी के वाहनों को दो साइड/साइड टोरसो एयर बैग्स से लैस किया जाएगा। यह नया नियम कार निर्माताओं के लिए परेशानी पैदा कर सकता है, क्योंकि उद्योग पिछले कुछ वर्षों से महामारी के कारण संघर्ष कर रहा है और कच्चे माल की कीमत और परिचालन लागत भी पिछले कुछ वर्षों में बढ़ गई है। वहीं सख्त उत्सर्जन और सुरक्षा मानदंडों के कारण भी कीमतों में वृद्धि हुई है। इस नए नियम को लागू करते समय वाहन निर्माताओं को जिन मुख्य चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा उनमें से प्रमुख कीमत होगी ।