
second hand car
नई दिल्ली: आजकल लोग नई कारों में पैसे इन्वेस्ट करने से कतराते हैं, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि नई कारों को खरीदना काफी महंगा पड़ता है इसलिए लोग सेकेण्ड हैंड कारें ( second hand car ) खरीदते हैं। लेकिन सिर्फ कीमत कम देखकर कार खरीदना आपके लिए घाटे का सौदा साबित हो सकता है। दरअसल सेकेण्ड हैंड कारों में कई बार बड़ी दिक्कतें निकल आती हैं ऐसे में आपको सेकेण्ड हैण्ड कार खरीदने से पहले कुछ बातें पता होनी चाहिए।
टायर :पुरानी कार लेते वक्त कार के टायर जरूर चेक करें। अगर टायर नए जैसे हैं, तो इसका मतलब टायर हाल ही में बदले गए हैं, या गाड़ी कम चली है। ये आपको स्पीडोमीटर कंसोल से पता चल जाएगा। गाड़ी के टायर खराब होने पर 12-15 हजार रुपए का एकस्ट्रा खर्च होता है। गाड़ी की सर्विस हिस्ट्री देखें- गाड़ी लेने से पहले उस ब्रांड के शोरूम जरूर जाकर गाड़ी की हिस्ट्री जरूर चेक कर लें। इससे न केवल आपको रेगुलर सर्विस की जानकारी मिलेगी वहीं अगर किसी शख्स ने कार मीटर के साथ छेड़छाड़ की है, तो वह भी पकड़ में आ जाएगी।
पेंट : सेकेंड हैंड कार खरीदने से पहले दरवाजों, फ्रंट और पीछे की तरफ के पेंट पर जरूर ध्यान दें। क्योंकि टक्कर फ्रंट, बैक या साइड से होती है। री-पेंट होने पर आपको बॉडी पैनल पेंट के रंग से साफ पता चल जाएगा कि कार एक्सिडेंटल है। वक्त के साथ कार का पेंट भी फीका पड़ने लगता है, वहीं अगर एक्सिडेंट हुआ होगा, तो पैच साफ दिखाई देंगे।
इंजन : कार का बोनट खोल कर देखें कि क्या इंजन के आसपास कोई ऑयल लीकेज तो नहीं है। अगर आपको लीकेज दिखाई देता है, इसका मतलब है कि इंजन खोलने का वक्त आ गया है। ऐसे गाड़ी को बिल्कुल भी हाथ न लगाएं।
Published on:
23 Nov 2019 01:01 pm
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