
Hyundai Engine
दुनियाभर में इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता और डिमांड तेज़ी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए कई बड़ी वाहन निर्माता कंपनियां भी तेज़ी से इलेक्ट्रिक वाहन सेगमेंट में तेज़ी से कदम बढ़ाने में लगी हुई है। इसी के चलते हुंडई मोटर ग्रुप (Hyundai Motor Group) ने साउथ कोरिया में नामयंग में स्थित कंपनी के R&D सेंटर के इंजन डेवलपमेंट डिवीज़न को बंद कर दिया है। 1983 में शुरू हुई कंपनी की इंजन डेवलपमेंट टीम ने 1991 में अपने पहले अल्फा इंजन का निर्माण किया था। इसके बाद कंपनी ने बीटा, थीटा और नु इंजन भी डेवलप किए।
अब करेगी इलेक्ट्रिक वाहनों पर फोकस
करीब 40 साल से चल रहे हुंडई के इस इंजन डेवलपमेन्ट डिवीज़न को हाल ही में बंद करने का फैसला कंपनी ने लिया है। दुनियाभर में इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती हुई लोकप्रियता और डिमांड को देखते हुए कंपनी ने अपने इस डिवीज़न को अब इलेक्ट्रिक वाहनों की दमदार पावरट्रेन डेवलप करने के लिए इस्तेमाल करने का फैसला कर लिया है। कंपनी का यह डिवीज़न अब पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों पर फोकस करेगा।
डीजल इंजन के डेवलपमेन्ट यूनिट को किया बंद
इस साल जनवरी में हुंडई ने 2020 के दूसरे हाफ में नए डीज़ल इंजनों पर काम को बंद करने के बाद अपने डीजल इंजन के एक डेवलपमेन्ट यूनिट को भी बंद कर दिया था।
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हुंडई का लक्ष्य
कंपनी का इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती हुई लोकप्रियता और डिमांड को दखते हुए बड़ा लक्ष्य निर्धारित है हुंडई 2026 तक दुनिया भर में 17 लाख इलेक्ट्रिक वाहन बेचने के लिए तैयार होना चाहती है, जिसके लिए कंपनी ने ज़ोरो-शोरो से तैयारी शुरू कर दी है। साथ ही इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए कंपनी ने योजनाबद्ध तरीके से काम ककरण भी शुरू कर दिया है।
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Published on:
30 Dec 2021 01:42 pm
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