
अक्सर लोग यह कहते पाए जाते हैं कि गाड़ी रखना उतना महंगा नहीं पड़ता, जितना महंगा उसका मेंटिनैंस होता है। कई लोग तो सिर्फ इसी वजह से कार नहीं रखते। ऐसे लोगों को ध्यान में रखकर वाजिब कीमत पर बेहतरीन सर्विस देने के लिए तीन दोस्त अक्षत, हिमांशु और जिम्मी ने कारपैथी स्टार्टअप शुरू किया है।
कार खरीदने के बाद आपके रिश्ते कार कंपनी के ऑथोराइज्ड सर्विस सेंटर से लंबे समय तक बने रहने चाहिए। मगर ऑथोराइज्ड सर्विस सेंटर से रिपेयरिंग या सर्विसिंग कराना काफी महंगा पड़ता है। लोग मानते हैं कि तरह-तरह की सुविधाओं के नाम पर वह बहुत ज्यादा का बिल बना देते हैं।
इस वजह से यह रिश्ता बहुत लंबे समय तक नहीं चलता, लोग सर्विसिंग या रिपेयरिंग कराने के लिए किसी अन्य सर्विस सेंटर या गैराज की सेवा लेने लगते हैं, लेकिन वहां सबसे बड़ी समस्या आती है भरोसे की रहती है। इसी जरूरत को महसूस करते हुए वाजिब कीमत पर विश्वसीनय सेवा के इरादे से कारपैथी नाम से स्टार्टअप खड़ा किया है।
अब तक बन चुके हैं 75 सर्विस सेंटर
कारपैथी के फाउंडर्स का दावा है कि एक साल के छोटे से समय में वे ग्राहकों का पूरा भरोसा जीतने में कामयाब रहे हैं। वे इस भरोसे को और आगे ले जाना चाहते हैं। यही वजह है कि कारपैथी के अब तक 75 सर्विस सेंटर बना चुके हैं और हमारी योजना इसका और विस्तार करने की है।
अभी हमारी सर्विसिंग सेंटर में 300 से भी ज्यादा लक्जरी कार नियमित सर्विसिंग के लिए आ रही हैं। इसका सारा काम ऑनलाइन है। इसके अलावा वर्कशॉप या सर्विस स्टेशन और कस्टमर से निरंतर संपर्क बनाए रखकर अन्य सुविधाएं जैसे फ्री-पिकअप एवं ड्रॉप सर्विस भी देते हैं।
3 दोस्तों ने मिल कर किया है शुरू
इसकी शुरुआत 10 महीने पहले गुडग़ांव में हुई। इसे अक्षत लवानिया, हिमांशु बंसल और जिम्मी यादव तीन दोस्तों ने मिलकर शुरू किया है। तीनों ने अपने-अपने अनुभवों से 10 महीने में ही कारपैथी को बड़ा नाम बना दिया है। लवानिया स्टार्टअप शुरू करने से पहले हुंडई में मैकेलिकल इंजीनियर थे।
हिमांशु बंसल बतौर आईटी इंजीनियर 3 स्टार्टअप कंपनियों को सेवा दे चुके हैं और जिम्मी यादव 11 सालों तक कई बड़े संस्थानों में ऑपरेशंस का काम संभाल चुके हैं। तीनों फाउंडर्स का कहना है कि उनकी सबसे बड़ी पूंजी ग्राहकों का विश्वास है।
Published on:
11 Feb 2017 02:23 pm
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