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फुल एक्शन में दिल्ली सरकार! की ये छोटी सी गलती तो कटेगा का 10,000 का चालान या हो सकती है जेल

वैध फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना परिवहन वाहनों को चलाने वाले मालिकों और चालकों को पहली बार पकड़े जाने पर 2,000 से 5,000 रुपये और दूसरी बार या फिर उसके आगे पकड़े जाने पर 5,000 से 10,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है।

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प्रतिकात्मक तस्वीर: Delhi Transport Department

दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट ने फिटनेस के वैध प्रमाण पत्र के बिना चलने वाले सरकारी विभागों सहित ट्रांसपोर्ट वाहनों के मालिकों और ड्राइवरों को 10,000 रुपये तक का जुर्माना और यहां तक कि कारावास सहित कार्रवाई की चेतावनी दी है। यह कदम विभाग द्वारा तब उठाया गया है जब विभाग ने पाया कि ऐसे कई वाहन मोटर वाहन (Motor Vehicle Act) अधिनियम का उल्लंघन करते हुए वैध फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना चलते पाए गए।


दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि, प्रवर्तन टीमों को सड़कों पर ऐसे वाहनों की तलाश जारी रखने के लिए कहा गया है और जल्द ही उल्लंघन करने वालों को पकड़ने के लिए एक अभियान भी शुरू किया जाएगा। परिवहन विभाग द्वारा हाल ही में जारी एक सार्वजनिक नोटिस में कहा गया है कि, "ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा यह देखा गया है कि सरकारी विभागों, स्थानीय निकायों और सार्वजनिक क्षेत्र के यूनिट्स संबंधित परिवहन वाहनों सहित कई मालिक या चालक वैध फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना परिवहन वाहन चला रहे हैं जो मोटर वाहन (एमवी) अधिनियम 1988, का उल्लंघन है।"

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पब्लिक ट्रांसपोर्ट, मालवाहक वाहनों, स्कूलों और कॉलेजों की बसों और कैब का उपयोग करने वाले सभी वाहन मालिकों और ड्राइवरों के पास एक वैध वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र होना चाहिए। नोटिस में कहा गया है कि एमवी अधिनियम की धारा 56 के अनुसार, एक परिवहन वाहन को वैध रूप से पंजीकृत नहीं माना जाता है, जब तक कि उसके पास दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग द्वारा जारी फिटनेस का वैध प्रमाण पत्र न हो। ऐसे परिवहन वाहन फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त होने तक सड़कों पर चलने के लिए पात्र नहीं हैं।


केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 62 के अनुसार, फिटनेस प्रमाण पत्र 8 वर्ष तक के वाहनों के लिए 2 वर्ष की अवधि के लिए और 8 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों के लिए एक वर्ष की अवधि के लिए वैध है।

लगेगा भारी जुर्माना:

वैध फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना परिवहन वाहनों को चलाने वाले मालिकों और चालकों को पहली बार पकड़े जाने पर 2,000 से 5,000 रुपये और दूसरी बार या फिर उसके आगे पकड़े जाने पर 5,000 से 10,000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। नोटिस में कहा गया है कि ऐसे मामलों में मालिक या चालक को कारावास का भी प्रावधान है।

वहीं बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक-रिक्शा और ई-कार्ट के लिए फिटनेस सर्टिफिकेट 3 साल की अवधि के लिए वैध होता है। इसके अलावा, केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के नियम 81 के अनुसार, फिटनेस प्रमाण पत्र की समाप्ति के बाद प्रत्येक दिन की देरी के लिए 50 रुपये का अतिरिक्त लेवी का प्रावधान है।