
दुर्गा महोत्सव में संकरी गलियों को मिला भरोसेमंद सुरक्षा कवच (फोटो सोर्स : Whatsapp)
Ayodhya Fire Bullet Festive Security: रामनगरी अयोध्या में दुर्गा पूजा महोत्सव का रंग-रौनक देखते ही बनती है। जगह-जगह सजे भव्य पंडाल, देवी मां के जयकारे और हजारों श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़… लेकिन इस भीड़ भाड़ के बीच एक नई गूंज भी लोगों का ध्यान खींच रही है। चौक घंटाघर पर खड़ी दिखाई देने वाली लाल रंग की दमकती बुलेट बाइक अब शहरवासियों के लिए सिर्फ आकर्षण का केंद्र नहीं, बल्कि सुरक्षा का भरोसेमंद पहरेदार बन गई है। इसे नाम दिया गया है- ‘फायर बुलेट’। यह कोई साधारण बाइक नहीं, बल्कि आग की लपटों को पलक झपकते काबू में करने वाली दमकल विभाग की नई ताकत है। यह पहल अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डॉ. गौरव ग्रोवर की दूरदर्शी सोच और सजगता का नतीजा है।
अयोध्या की ऐतिहासिक और धार्मिक पहचान संकरी गलियों, बाजारों और पंडालों से जुड़ी है। यहां बड़े दमकल वाहन का समय पर पहुंच पाना बेहद मुश्किल होता है। ऐसे में थोड़ी-सी आग भी बड़े हादसे का रूप ले सकती है। दुर्गा पूजा जैसे आयोजनों में यह खतरा और भी बढ़ जाता है। इसी चुनौती का समाधान निकाला गया – फायर बुलेट। यह बाइक भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों और संकरी गलियों में तेजी से पहुंचने में सक्षम है। पारंपरिक फायर टेंडर जहां ट्रैफिक और भीड़ में फंस जाते हैं, वहीं यह बाइक मिनटों में मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पा सकती है।
त्योहारों पर जहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, वहां सुरक्षा की चुनौती और भी कठिन हो जाती है। दुर्गा पूजा महोत्सव के दौरान पंडालों में बिजली की सजावट और अस्थायी ढांचों के कारण आग लगने का खतरा हमेशा बना रहता है। इस बार अयोध्या में श्रद्धालु खुद को पहले से ज्यादा सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। चौक-घंटाघर और भीड़भाड़ वाले इलाकों में तैनात फायर बुलेट ने लोगों के दिलों में भरोसा पैदा किया है कि किसी भी आपात स्थिति में राहत तुरंत मिलेगी।
अयोध्या के एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने सुरक्षा इंतजामों में नवाचार को प्राथमिकता दी है। उनकी सोच है कि तकनीक और त्वरित प्रतिक्रिया से ही बड़े हादसों को टाला जा सकता है। उनकी पहल पर फायर बुलेट तैनात हुई और यह प्रयोग सफल साबित हुआ। स्थानीय लोग मानते हैं कि यह कदम न सिर्फ प्रशासन की सजगता को दर्शाता है, बल्कि लोगों की आस्था और जीवन की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का भी प्रतीक है।
चौक के दुकानदार राम सुमेर गुप्ता कहते हैं कि हर साल त्योहारों में आग लगने का डर बना रहता है। बड़ी गाड़ियां यहां पहुंच ही नहीं पातीं। अब यह बुलेट देखकर हमें राहत मिली है। वहीं श्रद्धालु सीमा शुक्ला कहती हैं कि त्योहार पर इतनी भीड़ में मन में हमेशा डर रहता है कि कहीं कोई अनहोनी न हो जाए। लेकिन अब लगता है कि प्रशासन ने वाकई सोचा है। यह पहल काबिल-ए-तारीफ है।
फायर बुलेट की तैनाती से अयोध्या पुलिस और प्रशासन की छवि और भी मजबूत हुई है। लोगों का मानना है कि अब उन्हें दमकल विभाग के आने का इंतजार नहीं करना पड़ेगा। यह तुरंत राहत देने वाला हथियार है, जिसने त्योहारों की खुशियों को और सुरक्षित बना दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले समय में इस तरह की फायर बुलेट या फायर बाइक को हर बड़े धार्मिक आयोजन, मेला, जुलूस और भीड़भाड़ वाले इलाके में तैनात किया जाना चाहिए। यह छोटे कस्बों और गांवों में भी बड़े हादसों से बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
Published on:
02 Oct 2025 08:31 am
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