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दो बहनों ने अयोध्या मस्जिद की जमीन को लेकर खड़ा किया नया बखेड़ा, जमीन पर बताया अपना हक, पहुंची कोर्ट

अयोध्या के धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद के लिए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Sunni Central Waqf Board) को आवंटित की गई 29 एकड़ जमीन में से पांच एकड़ भूमि के लिए दो बहनों ने याचिका दाखिल की है

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दो बहनों ने अयोध्या मस्जिद की जमीन को लेकर खड़ा किया नया बखेड़ा, पहुंची कोर्ट

दो बहनों ने अयोध्या मस्जिद की जमीन को लेकर खड़ा किया नया बखेड़ा, पहुंची कोर्ट

अयोध्या. अयोध्या के धन्नीपुर गांव में बनने वाली मस्जिद के लिए सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Sunni Central Waqf Board) को आवंटित की गई 29 एकड़ जमीन में से पांच एकड़ भूमि के लिए दो बहनों ने याचिका दाखिल की है। याचिका दिल्ली की रानी कपूर पंजाबी और रमा रानी पंजाबी की ओर से दाखिल की गई है। याचिका दायर कर दोनों महिलाओं ने भूमि पर अपना हक होने का दावा किया है। साथ ही यह भी कहा है कि उक्त पांच एकड़ जमीन के संबंध में बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के समक्ष एक मुकदमा विचाराधीन है। इस मामले में सुनवाई आठ फरवरी को संभावित है।

याचियों का कहना है कि बंटवारे के समय उनके माता-पिता पाकिस्तान के पंजाब से आए थे। वे फैजाबाद (अब अयोध्या) जनपद में ही बस गए। बाद में उन्हें नजूल विभाग में ऑक्शनिस्ट के पद पर नौकरी भी मिली। उनके पिता ज्ञान चंद्र पंजाबी को 1,560 रुपये में पांच साल के लिए धन्नीपुर के तहसील सोहावल, जनपद फैजाबाद में लगभग 28 एकड़ जमीन का पट्टा दिया गया था। याचियों का कहना है कि पांच साल बाद भी उक्त जमीन याचियों के परिवार के ही उपयोग में रही व याचियों के पिता का नाम आसामी के तौर पर उक्त जमीन से संबंधित राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज हो गया।

लड़ी लंबी कानूनी लड़ाई

याचियों द्वारा कहा गया कि वर्ष 1998 में सोहावल एसडीएम द्वारा उनके पिता का नाम उक्त जमीन से संबंधित रिकॉर्ड से हटा दिया गया था। इसके विरुद्ध याचियों की मां ने अपर आयुक्त के यहां लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी जिसके बाद फैसला उनके पक्ष में आया था। याचियों का कहना है कि अपर आयुक्त के आदेश के बाद भी चकबंदी के दौरान दोबारा उक्त जमीन के राजस्व रिकॉर्ड को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। तब चकबंदी अधिकारी के आदेश के विरुद्ध बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के सामने मुकदमा दाखिल किया गया, जो अब तक विचाराधीन है। याचियों का कहना है कि मुकदमा अब तक विचाराधीन होने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा इसी जमीन में से पांच एकड़ भूमि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को आवंटित कर दी गई है। याचियों ने इस जमीन के आवंटन व उसके पूर्व की संपूर्ण प्रक्रिया को चुनौती दी है।

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