15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

…तो क्या मैं वहां खड़े होकर ताली बजाऊंगा क्या…? पुरी के शंकराचार्य ने किया राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में नहीं जाने का ऐलान

Ram Mandir: जगन्नाथपुरी मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने बुधवार को रतलाम में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि वह 22 जनवरी 2024 को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में शामिल होने के लिए अयोध्या नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, 'मोदी जी लोकार्पण करेंगे, मूर्ति का स्पर्श करेंगे तो मैं वहां तालियां बजाकर जय-जयकार करूंगा क्या? मेरे पद की भी मर्यादा है। राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए, ऐसे आयोजन में मैं क्यों जाऊं'।

2 min read
Google source verification
ram mandir inauguration puri shankaracharya not go ayodhya comment on pm modi

Ram Mandir एक तरफ अयोध्या में निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां तेज हो कई हैं। 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यजमानी में भव्य आयोजन होने जा रहा है। इसी बीच पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानन्द सरस्वती ने बड़ा बयान दिया है। दो दिवसीय धार्मिक कार्यक्रम में रतलाम पहुंचे शंकराचार्य निश्चलानंद ने कहा कि वह भगवान की मूर्ति को स्पर्श करें और मैं वहां खड़े होकर ताली बजाऊं, यह मर्यादा के खिलाफ है।

शंकराचार्य ने कहा कि वह किसी भी हाल में इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो सकते। पीएम पर हमला करने के साथ शंकराचार्य ने इस्लाम को लेकर भी बड़ा बयान दिया है। कहा कि चाहे मोहम्मद साहब हो या ईसा मसीह, सबके सबके पूर्वज सनातनी थे। पुरी शंकराचार्य बुधवार को हिंदू राष्ट्र धर्मसभा की ओर से आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए रतलाम पहुंचे हैं। राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि वह इस कार्यक्रम में नहीं जाएंगे।

रतलाम में दिया बयान

कहा कि उन्हें गरिमा का ध्यान है और इसी वजह से उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल नहीं होने का फैसला किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उनके द्वारा रामलला की मूर्ति का स्पर्श करना ही मर्यादा के खिलाफ है। ऐसे में वह मर्यादा पुरुषोत्तम की मर्यादा के उल्लंघन का साक्षी नहीं बन सकते। पुरी शंकराचार्य ने इस बयान के साथ ही देश को हिंदूराष्ट्र बनाने के लिए चल रहे आंदोलन में अपने को शामिल कर लिया है।

'सभी प्रमुख धर्म स्थलों को पर्यटन स्थल बनाया जा रहा है'

स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि आज सभी प्रमुख धर्म स्थलों को पर्यटन स्थल बनाया जा रहा है। इस तरह इन्हें भोग-विलासता की चीजों को जोड़ा जा रहा है, जो ठीक नहीं है। उन्होंने ये भी कहा कि दुनिया में चाहे जिस भी धर्म के लोग हों, उन सभी के पूर्वज हिंदू थे।बता दें कि निश्चलानंद सरस्वती पुरी के पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्धन पीठ के वर्तमान 145वें जगद्गुरु शंकराचार्य हैं। स्वामी निश्चलानंद सरस्वती का जन्म 1943 में बिहार के मधुबनी जिले में हुआ था। वह दरभंगा के महाराजा के राज-पंडित के पुत्र हैं।


बड़ी खबरें

View All

अयोध्या

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग