बता दें कि अखिलेश यादव वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में आजमगढ़ के सांसद चुने गए। इसके बाद से अखिलेश यादव ने सिर्फ तीन बार आजमगढ़ की यात्रा की। आजमगढ़ से दूरी के कारण अखिलेश यादव विरोधियों के निशाने पर भी रहे। कांग्रेस ने तो शहर में उनके लापता होने का पोस्टर तक लगवा दिया। वहीं चुनाव में लगातार पार्टी की हार से भी अखिलेश यादव परेशान थे लेकिन विधानसभा उपचुनाव में जौनपुर के मल्हनी सीट पर पार्टी की जीत व शिक्षक विधायक चुनाव में पूर्वांचल में जबरदस्त प्रदर्शन ने अखिलेश को एक बार फिर पूर्वांचल के बारे में सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।
एक बार फिर अखिलेश यादव को पूर्वांचल में अपना भविष्य दिखने लगा है। इसलिए अखिलेश यादव ने आजमगढ़ में बैठकर पूरे पूर्वांचल को साधने का फैसला किया है। कारण कि उन्हें यह बात अच्छी तरह पता है कि अगर यूपी की सत्ता हासिल करनी है तो पूर्वांचल हर हाल में जीतना होगा। इसी रणनीति को अमली जामा पहनाने के लिए यहां हाइटेक कार्यालय बनाने की तैयारी चल रही है।
अखिलेश यादव का नया आशियाना अनवरगंज में होगा। इसके लिए एक एकड़ की जमीन अनवरगंज में मुख्य मार्ग पर ढूंढ ली गई है। अनवरगंज मंदुरी हवाई पट्टी से भी महज छह किलोमीटर दूरी पर है। ऐसे में यहां आने-जाने में भी सपा सुप्रीमो को आसानी होगी। अखिलेश यादव यहीं से पूर्वांचल पर अपनी पकड़ और मजबूत करेंगे। पूर्वांचल के सोनभद्र, गाजीपुर, वाराणसी, जौनपुर, गाजीपुर, मऊ, बलिया, भदोही और मिर्जापुर समेत अन्य जिलों की 117 से अधिक विधानसभा सीटों को सीधे कवर करने में आसानी होगी। इसी रणनीति के तहत उन्होंने यह निर्णय लिया है।
सपा जिलाध्यक्ष हवलदार यादव का कहना है कि हवाई पट्टी पर निर्माण चल रहा है। यहां आने की अनुमति नहीं मिलती। अगर हवाई पट्टी सही होती तो वे सुबह में आते और शाम को लौट जाते। इसके अलावा शहर में आने पर लोगों से मिलने में दिक्कत होती है। इसलिए यह निर्णय लिया गया कि आजमगढ़ में एक कार्यालय बनाया जाय। अखिलेश यादव यहां आकर रूकेंगे और यहीं से पूरे पूर्वांचल को डील करेंगे। उन्होंने बताया किएक एकड़ की जमीन पर पार्टी का पूर्वांचल कार्यालय बनेगा। जब भी अखिलेश यहां आएंगे तो इसी में कार्यकर्ताओं व जनता से मुलाकात करेंगे। जमीन कुछ लोग दान में दे रहे हैं।
BY Ran vijay singh